वाशिंगटन। भारतीय मूल के पहले अमेरिकी सांसद अमी बेरा ने हाल ही में गठित अमेरिकन सिख कांग्रेशनल कॉकस में शामिल होने का फैसला कर लिया है। इस संबंध में औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी। इस सिख अमेरिकी दल को ऐसे कई समूहों और व्यक्तियों का समर्थन हासिल है, जो पहले खालिस्तान आंदोलन के समर्थक रह चुके हैं।
बेरा ने अपने बयान में कहा है कि खालिस्तान आंदोलन के समर्थकों के इस समूह से जुड़े होने पर कई भारतीय अमेरिकी संगठनों और भारतीय दूतावास ने चिंता जताई है, लेकिन इसके बावजूद मैंने सिख अमेरिकी दल में शामिल होने का फैसला कर लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई घटना की यादें आज भी ताजा हैं। एल्क ग्रूव [कैलिफोर्निया] के दो सिखों की घृणा अपराध में हत्या कर दी गई थी।’ सिख अमेरिकी दल को सही दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए बेरा ने कहा, ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले से सिख समुदाय ही सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। अपनी पगड़ी के कारण उन्हें मुसलमान समझा जाता है और उनपर हमले किए जाते हैं। सिखों के साथ भेदभाव भी अधिक होता है।’
अमेरिकन सिख कांग्रेशनल कॉकस के गठन की घोषणा गत 24 अप्रैल को की गई थी। यह दल सिख समुदाय के खिलाफ होने वाले घृणा अपराधों से लड़ने का काम कर रहा है। दल के 21 सदस्य डेमोक्रेटिक पार्टी और सात रिपब्लिकन के हैं।