कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जरा देखते हैं, फेसबुक पर कैसे कमेंट आए हैं:-
Sheetal P Singh : वे जीत गए हैं. स्टूडियोज और कैमरों के आगे जश्न ही जश्न है. मैं यहां (सुल्तानपुर, यूपी) गांव आया हूं. हर तरह की विपदाओं अभाव के मारे थके और टूटे लोग खेतों से गेहूं समेटने में लीन हैं… बिजली और सरकार दोनों यहां नदारद है… यहां भी होगा चुनाव.. हुआ भी था चुनाव.. कोई ना कोई जरूर जीतेगा यहां भी… पर हर बार की तरह फिर हार जाएंगे ये लोग, जिन्हें बूनी पड़ने से पहले समेट लेना है गेहूं.. करना है बेटी का ब्याह… पुरखों को तारने जाना है गया गंगासागर… फिर फिर लौटना है खेत में अगले चुनाव में हारने के लिए….
Krishna Kumar : Karnataka election results showing people are against corruption.This same thing will repeat in the National level.We(BJP) are accepting people verdict.Because of the Yediurappa and some of the indiscipline leaders activity and behavior creates negative impact in Karnataka.This election result is not licence to do corruption in all India level.This election result will not make any national impact,just a state assembly election and the people voted against ruling party(anti-incumbency). It was a case of a double anti-incumbency. And as various exit poll surveys are saying: The Congress is set to return to power and form a majority government, but it is doing so only by banking on a negative mandate. If the vote share percentage is seen, the Congress’s share is going to increase by just 1-2% while the BJP’s share is going to shrink by 9% (7% of which is because of the BSY factor). There is no way the Congress has emerged as a viable alternative to the BJP. This is not an ideological defeat.We will come back.
Balendu Swami : कर्नाटक ही क्या पूरे देश का यह दुर्भाग्य है कि हमारे पास विकल्प नहीं है, अफसोसजनक..
Vibhu Agarwal : फिर वही समीकरण, वही शुभ संकेत… 1999 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 120 बहुमत मिला था और लोक सभा में कांग्रेस हार गई थी !!
Mohammad Anas : इस बार की हार बीजेपी की हार नहीं बल्कि देश के कम्युनल चेहरे मोदी की हार है…. फेंकू को कर्नाटक की जनता ने फेंक दिया, और ये भी साफ़ है कि इससे कांग्रेस का भ्रष्टाचार भी जीता है, जिसे नहीं जीतना था… पर भारतीय जनता के समक्ष राजनैतिक विकल्पहीनता ही इतनी भारी भरकम है कि उसे ना चाहते हुए भी कड़वे निवाले लेने पड़ते हैं!
Somdat Sharma : कनार्टक में भ्रष्टाचार की हार हुई है, यानि जो बंदरबांट भाजपा शासन में हुई थी जनता ने उसका जवाब दिया है। रही बात कांग्रेस की जीत तो , कांग्रेस को सिर्फ और सिर्फ विकल्प हीनता का फायदा मिला है।
Yashwant Singh : कर्नाटक में बीजेपी जेडीएस की चालीस-चालीस सीटें आईं। नेता विपक्ष किसका बनेगा? या यहाँ भी छह-छह महीनों का फ़ार्मूला चलेगा? या सिक्का उछालेंगे?
Puja Shukla : दिल पर हाथ रखिये और पूछिए अगर कर्नाटक में कांग्रेस हार जाती या 70 सीटो पर सीमट जाती तब आप राहुल गांधी के करिश्मे को निशाने पर नही लेते ?? अब जीत मिली है तो उन्हें भी क्रेडिट मिलना चाहिए
Ravindra Tripathy : कुछ लोग पूछ रहे हैं कि भाजपा कर्नाटक में येदियुरप्पा को हटाने के बावजूद क्यों हारी? भाइयो, सिर्फ मुख्यमंत्री बदल देने से सारे पाप धुल जाते हैं क्या? कर्नाटक में एक और अच्छी बात ये हुई कि देवगौड़ा की पार्टी किसी से ब्लैकमेल करने के लायक नहीं बची है। वहां काफी जोड़तोड़ होता।
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