बेंगलूर। कर्नाटक में कांग्रेस की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाने वालेसिद्दरमैया ने सोमवार को राज्य के 22वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने सिद्दरमैया को श्रीकांतीरवा स्टेडियम में 50 हजार लोगों की मौजूदगी में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्य के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में शपथ ली। यह स्टेडियम विधान सौध से तीन किलोमीटर दूर है। विधान सौध के बाहर चल रहे मेट्रो रेल के काम के कारण यह फैसला करना पड़ा।
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बहरहाल, 64 वर्षीय सिद्दरमैया के लिए 34 पूर्व मंत्रियों समेत 120 पार्टी विधायकों में मंत्रिमंडल के सहयोगी चुनना उनके लिए पहली बड़ी चुनौती होगी। जातिगत समीकरण और राज्य के बड़े नेताओं की पसंद-नापसंद देखते हुए अनुभवी और युवाओं की एक संतुलित टीम पेश करने का जिम्मा भी उन पर होगा।
वकालत से राजनीति में आए सिद्दरमैया वर्ष 1996 में एचडी देवेगौड़ा के प्रधानमंत्री बनने के बाद जनता दल की सरकार में मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे। उन्हें तब उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। 2004 में कांग्रेस-जदएस की गठबंधन सरकार में भी सिद्दरमैया उप मुख्यमंत्री थे। 2006 में देवेगौड़ा से मतभेदों के बाद उन्हें जदएस से निकाल दिया गया। पिछड़े वर्ग के नेता सिद्दरमैया का मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब अंतत: इस बार कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पूरा हुआ। रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार पर घंटों माथापच्ची करने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर और सिद्दरमैया शपथग्रहण के बाद सीधे दिल्ली रवाना होंगे ताकि मंत्रियों के नामों पर मुहर लगवाई जा सके।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के अलावा केंद्रीय मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे, वीरप्पा मोइली, केएच मुनियप्पा, के रहमान खान कर्नाटक से ही ताल्लुक रखते हैं। मंत्रिमंडल के गठन में इन सबकी पसंद का ख्याल रखना और कई बार विधायक रहे नेताओं की उम्मीदों को भी पूरा करने की जिम्मेदारी सिद्दरमैया पर होगी।
शपथ ग्रहण के मौके पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे, पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली, पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा, केएच मुनियप्पा, रहमान खान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वी राज चौहान, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी सहित कई गणमान्य नेता मौजूद थे।