हिंद में चीन की हलचल पर जागा भारत, ठिकाने मजबूत करने के निर्देश

indiachina-deal-on-border-issue-नई दिल्ली। चीन के साथ यथाशीघ्र सीमा विवाद सुलझाए जाने को भारत ने एक रणनीतिक लक्ष्य करार दिया है। लद्दाख में घुसपैठ की हालिया घटना के बाद दोनों देशों के बीच सीमा मामले के समाधान को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच, भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर नक्शों की अदला-बदली को लेकर वर्षो से लंबित भारतीय प्रस्ताव को भी याद दिलाया। भारत ने समाधान की दिशा में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मतभेदों को दूर करने के लिए इसके स्पष्ट रेखांकन पर भी जोर दिया।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा कि इस संबंध में भारत की ओर से रखा गया एक प्रस्ताव अब भी मेज पर है। अगर इस पर कोई प्रगति होती है तो यह बेहतर होगा। प्रवक्ता ने कहा कि भारत का मानना है कि बातचीत के जरिये सीमा मामले पर एक संतुलित, तर्कसंगत व सहमत समाधान निकाला जाना चाहिए। इससे दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, लिहाजा इसे रणनीतिक लक्ष्य के तौर पर आगे रखा जाना चाहिए। महत्वपूर्ण है कि इससे पहले चीन की ओर से भी सीमा विवाद मामले को सुलझाने के लिए कोशिशें दोगुना करने की बात कही गई थी।

समुद्र के रास्ते चीन बढ़ा रहा है भारत की चिंता

चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग 19 मई से तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान भारत और चीन के प्रधानमंत्रियों के बीच 20 मई को सीधी व प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता होनी है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय हद में 21 दिन तक जमे चीनी तंबुओं की वापसी के बाद भारत आ रहे केकियांग के दौरे में सीमा मामले पर बातचीत अहम होगी। यात्रा के दौरान चीनी प्रधानमंत्री मुंबई भी जाएंगे। भारत दौरे में चीनी प्रधानमंत्री मुंबई में उन डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनीस के परिवार से भी मिलेंगे, जिन्होंने जापान-चीन युद्ध के दौरान कई लोगों की जान बचाई थी। कारोबार के लिहाज से खासे अहम भारत-चीन रिश्तों के लिए केकियांग मुंबई में उद्योगपतियों से भी मिलेंगे।

चीनी प्रधानमंत्री भारत के बाद पाकिस्तान जाएंगे। रोचक है कि भारत में चीनी प्रधानमंत्री की मेजबानी के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जापान दौरे पर जाएंगे। दक्षिण चीन सागर में एक द्वीप पर क्षेत्राधिकार को लेकर जापान और चीन के संबंध इन दिनों तनाव चल रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री का जापान दौरा काफी समय से लंबित था और इसे एक बार टाला भी जा चुका है। प्रधानमंत्री 27 से 29 मई तक जापान और फिर 30 से 31 मई तक थाईलैंड की यात्रा पर होंगे।

हिंद महासागर में नौसैनिक पैठ मजबूत बनाने पर जोर

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच रक्षा मंत्रालय ने नौसेना को भारत के द्वीप क्षेत्रों पर अपने ठिकाने मजबूत करने के लिए कहा है। पहली बार टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिये हुई शीर्ष नौसेना कमांडरों की बैठक में रक्षा मंत्री ने अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप समेत द्वीप क्षेत्रों में अतिरिक्त सैन्य ठिकाने और नौसैनिक हवाई ठिकाने मजबूत करने के निर्देश दिए। नौसेना कमांडरों की बैठक में साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। खासतौर पर चीनी हैकर्स के हमले को लेकर तैयारियों पर बात हुई। वहीं रक्षा मंत्रालय के मुताबिक एंटनी ने आस-पड़ोस में सुरक्षा हालात का हवाला देते हुए कहा कि नौसैनिक ठिकानों, युद्धपोत व पनडुक्बियों की हिफाजत हर कीमत पर सुनिश्चित की जानी चाहिए। एंटनी ने नौसेना व तटरक्षक बल से समुद्री सरहद की सुरक्षा के लिए बने तटीय सुरक्षा योजना के दूसरे चरण को भी समय पर लागू करने के लिए कहा है। नौसेना में सभी ठिकानों के साथ एकीकृत संपर्क के लिए बन रहा नेशनल कमांड कंट्रोल कम्यूनिकेशन एंड इंटेलीजेंस नेटवर्क इस साल के अंत तक काम करने लगेगा। रक्षा मंत्री ने नौसेना के आधुनिकीकरण को पूरी मदद का भरोसा देते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि इसमें धन की कमी कतई आड़े नहीं आने दी जाएगी। नौसेना को आधुनिक बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है।

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