नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग [एनएचआरसी] ने महेंद्रगढ़ जिले के छह गांव की पंचायतों द्वारा लड़कियों को स्कूल न भेजने संबंधी खबरों पर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। खबरों में कहा गया है कि इन पंचायतों ने छेड़छाड़ की लगातार हो रही घटनाओं के कारण लड़कियों को स्कूल न भेजने का फैसला किया है।
आयोग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्टो का स्वत: संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। खबरों में कहा गया है कि किशोर लड़कियों के साथ लगातार हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने छह गांवों-पाल, गदानिया, खेरकी, निहालवास, कुकसी और पलाह की पंचायतों ने अपनी लड़कियों को स्कूल न भेजने का फैसला किया है। पाल गांव में पंचायतों द्वारा लिये गए इस फैसले से 400 लड़कियां प्रभावित होंगी। खबरों के मुताबिक स्कूल से घर लौटते समय दो लड़कियों के साथ कुछ लड़कों द्वारा की गई छेड़खानी के बाद पंचायत ने यह फैसला लिया है। आयोग ने कहा अगर यह रिपोर्ट सही है तो छात्राओं के मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला होगा।
एनएचआरसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पंचायत के सदस्यों ने लड़कियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। नोटिस में एनएचआरसी ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से पिछले तीन महीने में हरियाणा में लड़कियों के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों का ब्योरा भी मांगा गया है। खास तौर पर इन छह गांवों का।