पटना। लगभग तीन साल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व मुंगेर से जदयू के सांसद ललन सिंह उर्फ राजीव रंजन सिंह एकसाथ मंच पर दिखे। मौका था सूर्यगढ़ा-शाम्हो के बीच क्यूल नदी पर नवनिर्मित पुल के उद्घाटन का। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने कहा कि हमने ललन सिंह के खिलाफ आज तक कुछ भी नहीं बोला। वे भले ही मेरे बारे में बोलते रहे। जो शिकवा-शिकायत थी, वह दूर हो गई है और ललन जी आज हमारे बीच हैं। इस मौके पर हमें खुशी हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा- लोग दूर जाते हैं, फिर पास आते हैं और जिन्दगी का सफर यूं ही चलता रहता है। सीएम ने कहा कि न्याय के साथ सबका विकास हो, यही हमारा संकल्प है। हम हमेशा राज्य की साढ़े दस करोड़ जनता के विकास के बारे में सोचते रहते हैं।
लालू प्रसाद का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें कोई काम नहीं है, वह कुछ भी बोलते रहते हैं। वहीं लखीसराय की जनसभा में ललन सिंह ने नीतीश कुमार से दूरी के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री का गुणगान करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में बेईमानी का कोई लक्षण नहीं है, वे गुणों से भरे हैं। बहकावे व गलतफहमी के कारण हमलोग साढ़े तीन साल तक अलग रहे। सिंह ने पुराने रिश्ते की चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी, हमने 24 वर्षो तक राजनीतिक रास्ते में आए कांटे को साफ किया। बीच में अलग होने का कारण भी यही है। हम आगे भी पूरे दमखम के साथ बिहार के विकास और आप (नीतीश) के बीच आने वाली हर अड़चनों को दूर करेंगे। वहीं सांसद की घर वापसी और भूल की स्वीकारोक्ति पर नीतीश कुमार ने भी चुटकी ली। कहा, हम साथ-साथ हैं। हम जोड़ने का काम करते हैं। ललन जी घर के आदमी हैं। आखिर कितने दिन वे घर से बाहर रह सकते थे? इनकी घर वापसी हुई है वह भी पूरे दमखम के साथ।