नई दिल्ली। एसिड हमले में जान गंवाने वाली प्रीति के शव को मुंबई से लाने के लिए उनके परिवारवालों को साठ हजार रुपये चुकाने पड़े। यह खर्च शव को मुंबई से दिल्ली हवाई जहाज से लाने के लिए उठाया गया था। प्रीति के परिजनों को अभी तक इस बात का मलाल है कि इस बारे में दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की।
हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने प्रीति के परिजनों द्वारा मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग मान ली है। बावजूद इसके परिजनों में नाराजगी है। परिजनों का कहना है कि किसी सरकार ने उनकी कोई आर्थिक मदद नहीं की। सोमवार को प्रीति के शव को दिल्ली लाने के बाद परिजनों ने काफी हंगामा किया था। लेकिन बाद में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। महाराष्ट्र सरकार ने प्रीति को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया, जिसका भाजपा ने कड़ा विरोध किया था। भाजपा का कहना था कि यह एक युवती का अपमान करना है।
गौरतलब है कि दो मई को प्रीति के ऊपर बांद्रा स्टेशन पर एक युवक ने तेजाब फेंक दिया था। वह वहां नेवी के अस्पताल में बतौर नर्स ज्वाइन करने गई थी। इस हादसे में वह बुरी तरह से जख्मी हो गई थी। एक महीने चली जद्दोजहद के बाद आखिरकार शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस इस मामले में अभी तक अंधेरे में ही तीर चला रही है। एक माह बाद भी पुलिस के पास हत्यारे का कोई सुराग नहीं है।