भरतपुर। कभी पुलिस से तो कभी आबकारी विभाग के दल से बचकर रात के अंधेरे में अवैध शराब बनाकर बेचने के नारकीय धन्धे से परेशान लोगों को चिन्हित कर उन्हें नवजीवन योजना की जानकारी दी गई और सोच में परिवर्तन लाकर आय की अन्य गतिविधियां शुरू कराई गईं तो आज भरतपुर जिले के कई दर्जन लोग समाज की निगाह में सम्मानजनक कार्यों में जुटे हैं। जिससे उनकी परिवारिक आय में वृद्धि हुई है तथा ऐसे परिवार खुशहाली के मार्ग पर आगे बढने लगे हैं।
ऐसे ही चार व्यक्ति हैं भरतपुर जिले के नगर तहसील क्षेत्र के कुम्हारेडी एवं दुंदावली गांवों के । ये लोग पुलिस एवं आबकारी विभाग के दल से चोरी-छिपे कच्ची शराब बनाते और रात के अंधेरे में लोगों को बेच देते। अवैध शराब के इस धन्धे में वे कई बार गिरफ्तार भी हुए जिससे उनकी समाज में प्रतिष्ठा धूमिल हो गई। लेकिन कम मेहनत में अधिक कमाई की चाहत उन्हें अवैध शराब का धन्धा छोडने नहीं दे रही थी। यहां तक कि इस कार्य से इनके परिवारीजन भी खुश नहीं थे। लेकिन ये इस पेशे को छोडने के लिए किसी भी हालत में तैयार नहीं थे।
राज्य सरकार द्वारा अवैध शराब के धन्धे में लिप्त लोगों को यह अवैध व्यवसाय छुडवाकर समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए नवजीवन योजना शुरू की तो नगर पंचायत समिति में योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारियां लुपिन ह्यूमन वैलफेयर एण्ड़ रिसर्च फाउण्डेशन संस्था को सौंपी जिससे सर्वे कर नगर के प्रेमचंद, दुंदावल के शेर सिंह, कुम्हारेडी के नन्दकिशोर एवं लाखन सिंह को चिन्हित कर इनकी सोच में परिवर्तन लाने के लिए शैक्षणिक भ्रमण कराकर स्वरोजगार कार्य प्रारम्भ कराने के लिए प्रेरित किया। इन लोगों ने स्वरोजगार शुरू करने की इच्छा तो जाहिर की लेकिन इनके पास इतनी अधिक राशि नहीं थी कि वे अपना काम शुरू करा सके। जिसके लिए सिडबी के माध्यम से इन्हें 10-10 हजार रुपये का ऋण आसान शर्तों पर दिया गया।
सिडबी के माध्यम से मिले ऋण एवं परिवारीजनों के सहयोग से प्रेमचन्द ने किराना स्टोर, शेरसिंह ने मुर्गीपालन, नन्दकिशोर ने भैंसपालन तथा लाखन सिंह ने जनरल स्टोर खोलकर अपना काम शुरू कियां संस्था के कार्मिक इन्हें स्वरोजगार के कार्याें में प्रोत्सहित करते तथा उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखते किन्तु चारों लोगों ने ने कडी मेहनत एवं लगन से कार्य किया। धीरे-धीरे ये समाज की मुख्यधारा में शामिल होने लगे तथा परिवार के सदस्यों ने भी इनका सहयोग करना शुरू कर दिया। अवैध शराब निर्माण एवं बिक्री में सम्बन्धित इनके खिलाफ न्यायालयों में चल मामले की लगभग सभी समाप्त हो चुके हैं।
नवजीवन योजना से अवैध शराब के कारोबार से जुडे लोगों को अब इस अवैध व्यवसाय को छोड दिया है तथा सम्मानजनक स्वरोजगार का कार्य कर अपने परिवार को खुशहाली के मार्ग पर ले जा रहे हैं। संस्था प्रयास कर रही है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी इन्हें दिलाया जा सके। जिसके प्रयत्न जारी हैं।
कल्याण कोठारी
