जयपुर। कांग्रेस के उन प्रत्याशियों के लिए खुश खबर है जो अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में एक बार हार चुके हैं। कांग्रेस उन हारे हुए लोगों को भी टिकट देगी। केंद्रीय संगठन पूरी तरह से राज्यों में अपनी मजबूत पकड़ बना कर हर विधानसभा क्षेत्र में अपना झंडा लहराना चाहती है। कांग्रेस की इस सुनियोजित नीति से राजस्थान में सकारात्मक प्रभाव दिखेगा। कांग्रेस ने जो पर्यवेक्षक इस समय राजस्थान में भेजने शुरू किए हैं उनके समक्ष कई तरह की समस्याएं आना स्वाभाविक है लेकिन उन सभी से पर्यवेक्षक अब ज्यादा सचेत हो गए हैं। कार्यकर्ताओं के रुझान के साथ-साथ ही क्षेत्र में जनाधार टटोलने की प्रक्रिया भी पर्यवेक्षकों ने अपने स्तर पर शुरू कर दी है ताकि योग्य और जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जा सके। इस समय जयपुर और दौसा के पर्यवेक्षक अजय महाजन जयपुर आए हुए हैं। जिन्होंने सांगानेर, मालवीय नगर, बगरू विधानसभा क्षेत्रों का कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया।सूत्रों की मानें तो केंद्रीय संगठन ने इस बार पूरी सुनियोजित सरंचना तैयार की है। जिससे हर सीट पर पार्टी अपनी जीत को सुनिश्चित करके चलेगी। राहुल गांधी ने दो बार हारे हुए को टिकट नहीं देने के लिए बात जरूर कही है मगर एक बार हारे हुए को टिकट दिया जाएगा ऐसी संगठन की पूरी मंशा है। लेकिन यह उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों में संभव हो सकेगा जिनमें हारे हुए प्रत्याशियों के पक्ष में आम लोगों की भी सकारात्मक राय बन रही हो।
जनता के बीच रहे पांच साल सक्रिय : जयपुर में सांगानेर और मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षक अजय महाजन ने फीडबैक लिया। दो दिनों तक मिले कार्यकर्ताओं और आम लोगों के समूहों ने पर्यवेक्षक से मुलाकात की। जिनमें मालवीय नगर से हारे हुए और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा का नाम प्रमुखता से सामने आया वहीं सांगानेर में भी घनश्याम तिवाड़ी से हारे हुए नेता पं. सुरेश मिश्रा का नाम प्रमुखता से सामने आया है।
हालांकि ये दोनों नेता हारे हुए हैं लेकिन पूरे पांच वर्ष जनता से सीधा समन्वय और उनके सुख-दु:ख में साथ रहने से जनता के बीच पसंद किए जा रहे हैं जो भाजपा के प्रत्याशियों के लिए भी चिंता का विषय बने हुए हैं। इन हारे हुए प्रत्याशियों के इतने दबदबे को देख कर पर्यवेक्षक हतप्रभ हैं। वहीं लोगों का कहना था कि हारने के बाद भी पूरे पांच वर्ष जनता के बीय सक्रिय रहने के कारण इन नेताओं की रेटिंग अधिक है। अभी तक दोनों नेताओं के खिलाफ किसी भी तरह की पर्यवेक्षक के पास बात नहीं पहुंची है।
http://news4rajasthan.com से साभार
http://news4rajasthan.com से साभार