राजस्थान के प्रमुख नेता डॉ. सीपी जोशी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाकर कांग्रेस संगठन में महासचिव बनाए जाने से उनका कद भले ही जरूर बढ़ गया है, मगर इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सिरदर्द कुछ कम हुआ है। इसकी वजह ये है कि मंत्री रहते तो वे अक्सर राजस्थान आ कर यहां के मामलों में दखल देते रहते थे, मगर अब चूंकि असम, बिहार, प. बंगाल व अंडमान-निकोबार के प्रभारी तथा छत्तीसगढ़ की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भी होंगे तथा वर्किंग कमेटी में भी रहेंगे, इस कारण अब उन्हें उतना समय नहीं मिला करेगा। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टिकट वितरण में कुछ आसानी रहेगी। ज्ञातव्य है कि जोशी की दखलंदाजी के कारण गहलोत अपने दूसरे कार्यकाल में काफी परेशान रहे हैं। चाहे संगठन का मामला हो या फिर सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों का, जोशी की टांग फंसी होने के कारण कई मामले अरसे तक लंबित पड़े रहे। अनेक पद आज भी नहीं भरे जा सके हैं। हालांकि जोशी अब संगठन में अब ज्यादा पावरफुल हो गए हैं, मगर कम से कम गहलोत के कामकाज में ज्यादा टांग नहीं अड़ा पाएंगे। अलबत्ता वर्किंग कमेटी में होने के कारण अपने कुछ चहेतों को टिकट दिलवाने की लॉबिंग जरूर कर सकते हैं।
1 thought on “गहलोत का सिरदर्द हुआ कुछ कम”
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Hame to kuch aur he pata pada hai …..