पूर्व जज अजय शारदा को माना भर्ती घोटाले में लिप्त

Coartअजमेर। एंटी करप्शन ब्यूरो ने अजमेर कोर्ट में कनिष्ठ लिपिक भर्ती घोटाले मामले में चार आरोपियों के खिलाफ एसीबी की विशेष अदालत में चार्जशीट पेश कर दी, जो कि इन दिनों जेल में है। चार्जशीट में एसीबी ने माना है कि तत्कालीन जिला जज अजय शारदा भी इस घोटाले में शामिल थे। इस मामले में शामिल एक वकील अभी भी फरार है। जिला जज व फरार वकील के खिलाफ अनुसंधान जारी है और चार्ज शीट बाद में पेश होगी। प्रकरण में अब 27 जून को सुनवाई करेगी।
एसीबी के विशेष अनुसंधान दल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरदयाल सिंह ने सहायक नाजिर राजेश शर्मा, उसके भाई अदालत के बाबू हितेश शर्मा, एक वकील हेमराज कानावत तथा दलाल अब्दुल रज्जाक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण मामले की अदालत में चार्जशीट पेश की है। चालान में जिला जज अजय शारदा, फरार वकील भगवान सिंह चौहान तथा अन्य के भी जुर्म में लिप्तता मानी है लेकिन एसीबी ने धारा 173 (8) सीआरपीसी में अनुसंधान जारी रहने की बात कही है। जांच के बाद एसीबी अन्य आरोपियों के खिलाफ अतिरिक्त चालान पेश करेगी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर के विशेष अनुसंधान दल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर दयाल सिंह तथा विशेष लोक अभियोजक एवं सहायक निदेशक अभियोजन मदन लाल जेवरिया अपनी टीम के साथ सुबह अदालत में हाजिर हुए। एसीबी ने अदालत भर्ती घोटाले मामले में अब तक हुई जांच के आधार पर आरोप पत्र पेश किया। जिसमें सभी गिरफ्तारशुदा अभियुक्तों पर धारा 7, 8,9, 10, 11, 12, 13-2 व 13-1 डी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 व धारा 120 बी के तहत आरोप लगाए हैं।
भ्रष्टाचार निवारण मामलात न्यायालय ने अदालत लिपिक भर्ती रिश्वत लेने के बाद फरार चल रहे वकील भगवान सिंह चौहान के खिलाफ गिरफ्तार वारंट जारी कर दिए हैं। वहीं वकील हेमराज कानावत की कार सुपुर्दगी के बारे में फैसला सुरक्षित रखा है। एसीबी का कहना था कि फरार होने के बाद चौहान की संभावित ठिकानों पर तलाश की गई लेकिन आज तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। अदालत ने एसीबी की अर्जी पर चौहान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए हैं। तीसरे आरोपी हितेश की ओर से भी लगाई गई जमानत अर्जी पर अदालत में सुनवाई अब 27 जून को अगली पेशी के दौरान ही होगी।
एसीबी का आरोप है कि शारदा से कनिष्ठ लिपिक पद पर भर्ती कराने के लिए कानावत ने हिंगोनिया निवासी राहुल पाराशर के पिता विजय पाराशर उर्फ लादू से, अजगरा निवासी ओम प्रकाश शर्मा के माध्यम से दो लाख रुपए लिए। जिनमें से 1.80 लाख रुपए कानावत के घर से जब्त किए जा चुके है। एसीबी ने जांच में माना है कि शारदा ने जिला एवं सेशन न्यायाधीश के पद पर लोकसेवक के रूप में काम करते हुए अपने पद का दुरुपयोग कर कानावत से आपराधिक षडय़ंत्र की रचना की। परीक्षा के अभ्यर्थियों से शारदा के लिए भ्रष्ट एवं अवैध तरीकों से चयन करवाने के लिए अवैध उत्कोच राशि एकत्रित की गई जो कि आरोपियों से बरामद हुई है।
ज्ञातव्य है कि जिले की विभिन्न अदालतों में कनिष्ठ लिपिक के 45 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिनके आवेदन की 31 जनवरी 13 को अंतिम तिथि रखी गई। इन पदों के लिए फरवरी 13 में लिखित परीक्षा हुई तथा अप्रैल के पहले पखवाड़े में टंकण की परीक्षा भी हुई। 25 अप्रैल को इस परीक्षा का परिणाम निकलने की संभावना थी। तत्कालीन जिला जल एवं सत्र न्यायाधीश अजय शारदा ही लिपिक पदों की नियुक्ति के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष थे। भर्ती कराने के एवज में इन लोगों द्वारा अभ्यर्थियों से राशि वसूल की जा रही थी, जिसमें जिला जज शारदा का हिस्सा भी था। भर्ती का परिणाम निकलता इससे पहले ही एसीबी के दल ने दबिश देकर घोटाले का भंडाफोड़ कर दिया।

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