वार्ता तो तालिबान और अफगान सरकार के बीच ही होगी

22_06_2013-22jaycarवाश्िागटन। सामंजस्य स्थापित करने की प्रक्रिया से अफगानिस्तान के हट जाने की राष्ट्रपति हामिद करजई की धमकी के बाद तालिबान के साथ शांति वार्ता को लेकर अमेरिका के रुख में बदलाव आया है। अब उसकी ओर से कहा गया है कि मुख्य बातचीत तो अफगान सरकार और तालिबान के बीच ही होगी। केवल कुछ मुद्दों पर अमेरिका की तालिबान के साथ अलग से बातचीत हो सकती है।

ह्वाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि जिस मुख्य बातचीत का हम समर्थन कर रहे हैं वह अफगान सरकार और तालिबान के बीच ही होगी। करजई ने गुरुवार को धमकी दी थी कि तालिबान के साथ सीधे बातचीत प्रारंभ करने के अमेरिकी प्रयासों का वह विरोध करेंगे। अगले वर्ष अफगानिस्तान में नाटो फौजों का अभियान खत्म होने वाला है और अमेरिकी अधिकारी तालिबान के साथ बातचीत प्रारंभ करने को लेकर दृढ़ संकल्प हैं।

करजई की टिप्पणी के बाद अमेरिका ने संबंध सुधारने की कोशिश की है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने करजई से फोन पर बात कर उन्हें बातचीत के मेज पर आने के लिए विश्वास में लेने का प्रयास किया है।

कार्ने ने कहा कि कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिन पर अमेरिका तालिबान के साथ अलग से बातचीत करेगा। इनमें अमेरिकी सैनिक सर्जेट बर्गडहल की सुरक्षित वापसी भी शामिल है। एक सवाल के जवाब में कार्ने ने कहा कि हिरासत में लिए गए तालिबान लड़ाकों को ग्वांतानामो बे से स्थानांतरित करने के बारे में अमेरिका की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि जब भी बातचीत प्रारंभ होगी तालिबान इस मुद्दे को उठाएगा।

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