धरने को बदला आमरण अनशन में

kisan dharna 01 kisan dharna 02साल 1946 में हुए सरकारी अनुबंध की शर्ताे के विपरीत भूमिहीन किसानो की अवाप्तशुदा 260 बीघा भूमि का कागजी संस्था की आड में चंद आर्य समाजियो द्वारा निजी लाभ उठाया जा रहा है। जिसमें उन्हें बेदखल कर शर्तो के अनुसार सरकार को दोबारा अवाप्त कर विवादित भूमि को सीज करनी थी। इस बारे में पिछले चार सालो से भूमिहीन किसान संघ केसचिव लक्ष्मीनारायण सिंगोदिया द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जयपुर और अजमेर में जनसुनवाई के दौरान ज्ञापन दिये गये। इसके बाद ज़िला कलेक्टर के जरिये एक सप्ताह पहले ज्ञापन भेजकर 24 से 30 जून तक क्रमिक अनशन किया गया। लेकिन सरकार, शासन और प्रशासन ने भूमिहीन किसान संघर्ष समिति की पीड़ा केा नही समझा और अफसरशाही के विरोध में अशोक गहलोत के उपेक्षापूर्ण व्यवहार केा देखते हुए अब व्यथित किसानो ने सोमवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया। सोमवार केा किशन चौहान, गोर्वधन गुर्जर और इन्द्रराज दगदी आमरण अनशन पर बैठे।

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