बीकानेर। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर के अध्यक्ष श्याम महर्षि द्वारा वर्ष 2013-14 की राजस्थानी पत्रा-पत्रिका सहयोग योजना, लेखकों केे निजी खर्च से प्रकाशित पुस्तक सहयोग योजना तथा पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग योजना की आज घोषणा कर दी गई है।
पत्रा-पत्रिका सहयोग योजना के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 के लिए 1 लाख 53 हजार रु. की सहयोग राशि घोषित की है। अकादमी के अध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि कथेसर (परलीका), अपरंच (जोधपुर), राजस्थानी गंगा (बीकानेर), को 20,000-20,000 रु. का सहयोग दिया जायेगा। इसी प्रकार बिणजारो (पिलानी), ओळख (डीडवाना) को रु. 16000-16000 तथा दैनिक युगपक्ष (बीकानेर) को रु. 15,000 का सहयोग दिया जाएगा। सूरतगढ़ टाइम्स (सूरतगढ़), मरूधारा (मुम्बई), शेखावाटी एक्सप्रेस (चिड़ावा), टाबर टोली (हनुमानगढ़), प्रभात केसरी (रावतसर), को 8,000-8,000 रू. एवं चौकसी (बीकानेर) को 6,000 रु. की सहयोग राशि घोषित की है।
राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर द्वारा लेखकों के निजी खर्च से प्रकाशित सहयोग योजना वर्ष 2013-14 में 11 कृतियों को 1 लाख 14 हजार रूपये का आर्थिक सहयोग दिया जायेगा। अकादमी अध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि योजनान्तर्गत प्राप्त पुस्तकों की समीक्षा और तदुपरांत रिव्यू बैठक में 11 पुस्तकों को सहयोग के लिए अभिशंषा की गई जिसके आधार पर नागराज शर्मा (पिलानी) कीे ‘राजस्थानी सफलिया’, नरपतसिंह सांखला (बीकानेर) की ‘जागो जद झांझरकौ’, डॉ. तारालक्ष्मण गहलोत (जोधपुर) की ‘कीं बातां कीं यादां’ तथा डॉ. रामस्वरूप व्यास (जोधपुर) कीे ‘संवादा रो सिणगार’ को रुपये 12000-12000 का आर्थिक सहयोग स्वीकृत किया गया है। इसी प्रकार पवन पहाड़िया (नागौर) की ‘बधाऊडौ’, डॉ. मंगत बादल (रायसिंहनगर) की ‘बात री बात’, श्याम सुन्दर भारती (जोधपुर) की ‘कलम अर बन्दूक’, अनुमघा जोशी (बीकानेर) की ‘गाथा घींगा गवर री’ तथा जयकरण जोशी (चूरू) की ‘अेकर फेरूं आ’ को रुपये 10000-10000 का सहयोग तथा फूलचन्द ‘प्रेमी’ (सीकर) की ‘नीर बिना विनास’ एवं दयालराम ढिल ‘दिलेर’ (बरवाली) की ‘हिन्दुस्तां तेनूं वाजां मारदा’ को रुपये 8000-8000 सहयोग की घोषणा की गई।
राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर द्वारा पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग योजना वर्ष 2013-14 के अन्तर्गत 58 राजस्थानी पाण्डुलिपियों पर 6 लाख 44 हजार रूपये की सहयोग राशि की घोषणा की गई है।
अकादमी सचिव पृथ्वीराज रतनू ने बताया कि चेतन स्वामी (श्रीडूंगरगढ) की ‘चितार’; प्रमोद कुमार शर्मा (बीकानेर) की ‘कारो’; भानसिंह शेखावत (जयपुर) की ‘कुण गावैलो गीत’; शंभुसिंह राजावत (टोंक) की ‘राजस्थानी गीतांजळि’; डॉ. भंवर कसाना (डीडवाना) की ‘झबळकता आखर’; डॉ. सत्यनारायण शांडिल्य ‘सत्य’ (सादुलपुर) की ‘मैं कोनी आंऊ’; बी.के. व्यास ‘सागर’ (मेड़तासिटी) की ‘दो फाड़’; सरदार अली पड़िहार (बीकानेर) की ‘उड़ग्या पंख पसार’; श्रीलाल जोशी (बीकानेर) की ‘आखर री रूह’; देवकी दर्पण (बून्दी) की ‘कांकरी धंूदता पग’; भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’ (बीकानेर) की ‘सिरजण परख अर दिसाबोध’; श्रीमती मनीषा (आर्य) सोनी (बीकानेर) की ‘आठवीं कुण’; बनवारी लाल खामोश (चूरू) की ‘माटी की हूंस’; शैलेन्द्र उपाध्याय (जयपुर) की ‘मूं जीवूं मईशागर में मूं हूवूं मईशागर में’; डूंगरदान आसिया (बाड़मेर) की ‘लोक भावना री ललक’ पर रुपये 13000-13000 स्वीकृत किये गये हैं। इसी प्रकार हरिप्रसाद पारीक (बीकानेर) की ‘सेळ-भेळ’; अर्जुनदान चारण (करमावास) की ‘अड़वौ’; भोगीलाल पाटीदार (डूंगरपुर) की ‘अथड़ातु मन’; बी.आर. चांवरिया (सूरतगढ़) की ‘खिंड़ता मोती’; कपिल देवराज आर्य (झुंझुनू) की ‘सोनचिड़ी’; डॉ. लीला मोदी (कोटा) की ‘लहर लहर चम्बल’; किशन लाल स्वामी (सूरतगढ़) की ‘बीनणी’; डॉ. रामकुमार घोटड़ (चूरू) की ‘औचाट’; पुरुषोत्तम सैनी (लक्ष्मणगढ़) की ‘समझ अर समझावण’; श्रीमती मधु सोनी (नागौर) की ‘उमेदां का फणगा’; उगमसिंह राजपुरोहित ‘दिलीप’ (जोधपुर) की ‘राजस्थानी मां आपणीं’; श्रीमती ऋतुप्रिया (सीकर) की ‘सपनां संजोवती हीरां’; प्रताप 86 ‘पागल’ (बाड़मेर) की ‘फूलां जैड़ी बातां’; जगमालसिंह सिसोदिया (मेतवाला) की ‘करमेती’; सतीश छिम्पा (सूरतगढ़) की ‘एंजेलिना जोली अर समेरता’; मातुसिंह राठौड़ (तारानगर) की ‘हिम्मत रा हेताळू’; मोहन सोनी ‘चक्र’ (चूरू) की ‘कठै नीं है कविता’; विक्रमसिंह चौहान (बीकानेर) की ‘वाह रे नर’; कन्हैयालाल दवे (जोधपुर) की ‘मिनखपणां री जीत’; श्रीमती कमला कमलेश (कोटा) की ‘पूण्यूं हाही बा’; बनवारी लाल पारीक (उदयपुर) की ‘मिनखाचारो’; कल्याणसिंह शेखावत (जयपुर) की ‘ढँूढाड़ी महक’; पी.के.हर्ष (बीकानेर) की ‘अंधारै नैं चीरता सबद’; राजू सारसर ‘राज’ (किशनपुरा) की ‘म्हारी पांती रा सुपना’; जनकराज पारीक (श्रीकरनपुर) की ‘छप्पनियां हेळा’; प्रहलाद सैनी ‘वल्लभ’ (जयपुर) की ‘कळजुग रो हेलो’; चुन्नीलाल भट्ट (डूंगरपुर) की ‘दीकरी तो अनमोल है’; डॉ. सुमन बिस्सा (जोधपुर) की ‘आंतरौ झीणौ है’; संजय पुरोहित (बीकानेर) की ‘थूं क्यूं हुवै उदास?’; श्याम सुन्दर टेलर (चित्तौड़गढ़) की ‘कलम री कूंख’; डी. अर्जुनसिंह धरमधारी (बैंगलोर) की ‘भविया रा सोरठा’; संग्रामसिंह सोढा (बीकानेर) की ‘राजस्थानी सोरठा’; हरमन चौहान (उदयपुर) की ‘धोरां छितरी चांदणी’ तथा आनन्द वि. आचार्य (बीकानेर) की ‘कर्ण’ को रुपये 11000-11000 का आर्थिक सहयोग स्वीकृत किया गया है। अकादमी ने बाल साहित्य की छः पाण्डुलिपियां श्रीमती जेबा रशीद (जोधपुर) की ‘मीठी बातां’ को रुपये 8000 स्वीकृत किये गये। इसी प्रकार डॉ. कृष्ण कुमार (श्रीगंगानगर) की ‘धरती रो मोल’; राजेश अरोड़ा (श्रीगंगानगर) की ‘मन मांयला गीत’; शिवराज भारतीय (नोहर) की ‘मरूधर आई बिरखा राणी’; डॉ. आर.पी. सिंह (जयपुर) की ‘अगनी बाण’ तथा मनीष कुमार जोशी (बीकानेर) की ‘चंदन’ को रुपये 6000-6000 का आर्थिक सहयोग घोषित किया गया है।
अकादमी सचिव पृथ्वीराज रतनू ने बताया कि सहयोग हेतु स्वीकृत पांडुलिपियां प्रकाशित करवा कर अकादमी में प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2013 रखी गई है। उपरोक्त सहयोग राशि विद्वान समीक्षकों से पांडुलिपियों की समीक्षा करवाने के बाद आयोजित पांडुलिपि सहयोग उपसमिति की बैठक की संस्तुति एवं कार्य समिति की स्वीकृति के आधार पर की गई।
अकादमी अध्यक्ष श्याम महर्षि की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी कार्यसमिति की बैठक में उपाध्यक्ष नारायणसिंह पीथल (जयपुर), कोषाध्यक्ष बुलाकी शर्मा (बीकानेर), डॉ. आईदानसिंह भाटी (जोधपुर), डॉ. नीरज दइया (बीकानेर), डॉ. सत्यनारायण सोनी (परलीका) एवं डॉ. गजादान चारण (डीडवाना) अकादमी सचिव पृथ्वीराज रतनू शामिल हुए।
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