अजमेर। नवगठित राजस्थान राज्य विमुक्त, घुमन्तु एवं अद्र्घ घुमन्तु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री गोपाल केसावत ने कहा कि आजादी के 66 वर्षाे बाद भी देश में विमुक्त, घुमन्तु जातियों सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक विकास के मामले में पिछडी हुई है। ये जातियां एक स्थान से दूसरे स्थान पर विचरण करती रहती हैं, इस कारण समाज की मुख्यधारा से नहीं जुड पाई है। इन जातियों को समाज की मुख्यधारा से जोडने के लिए इनको सरकारी योजनाओं से जोडते हुए शिक्षा, रोजगार एवं आवास उपलब्ध करवाना होगा।
श्री केसावत संभागीय आयुक्त कार्यालय सभागार में विमुक्त, घुमन्तु एवं अद्र्घ घुमन्तु जाति की समस्याओं के निराकरण के लिए आयोजित संभाग स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उपस्थित अधिकारियों से कहा कि कंजर, बावरी, सांसी, नट, बंजारा, गाडिया लौहार, रैबारी, जोगी, भोपा एवं अन्य विमुक्त एवं घुमन्तु जातियां अशिक्षा के चलते सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रही हैं। इन जातियों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की देवनाराण योजना, नवजीवन योजना के साथ अन्य योजनाओं की रूपरेखा तैयार की जानी आवश्यक है, जिसे बोर्ड के माध्यम से सरकार को अवगत कराया जाएगा।
श्री केसावत ने बताया कि देश में कुल 840 एवं राजस्थान में 52 घुमन्तु जातियां है। इनमें से कई जातियों को अभी तक सूचीबद्घ नहीं किया जा सका है, फुटपाथ पर रहने वाला भी घुमन्तु है। ऐसी जातियों को सूचीबद्घ कर कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि घुमन्तु समुदाय को राशनकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बीपीएल कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र एवं जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पडती है, क्योंकि विभिन्न स्थानों पर विचरण करने के कारण ये कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा पाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने अधिकारियों से शपथ पत्र एवं समाज के मुखिया के पत्र के आधार पर प्रमाण पत्र बनाने का सुझाव दिया।
संभागीय आयुक्त श्री आर के मीना ने कहा कि देश में कुछ जातियां सदियों से पिछडी रही है। केंद्र एवं राज्य सरकारों ने इनके सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक विकास के लिए कई योजनाएं चला रखी है। लेकिन जब तक इन योजनाओं का क्षेत्र में सुचारू रूप से क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग नहीं किया जाएगा तब तक इन जातियों का कल्याण संभव नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभाग इन जातियों के उत्थान एवं सामाजिक विकास को प्राथमिकता देते हुए सुझाव दें, जिससे इन जातियों को समाज की मुख्यधारा से जोडा जा सके।
गाडिया लौहार फेडरेशन अध्यक्ष श्री कालूराम ने उपस्थित अधिकारियों को बताया कि आवश्यकता इस बात की है कि विमुक्त, घुमन्तु जातियों के कल्याण के लिए पृथक से योजनाएं बनाकर उनका क्रियान्वयन किया जाए। भीलवाडा में भोपा समाज के घरों को तोडे जाने की घटना का निंदा करते हुए, उन परिवारों के पुनर्वास की बात कही। बांदनवाडा में समुदाय के 70 परिवारों को पंचायत द्वारा पट्टे नहीं देने पर कार्रवाई की मांग की। किशनगढ में रायका, बंजारा, एवं गाडिया लौहार परिवारों को भूखंड पट्टे देने एवं विमुक्त, घुमन्तु जातियों की बस्तियों में सरकारी शिविर लगाकर उनके मूल-निवास, जाति प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए अधिकारियों से निवेदन किया।
बैठक में उपस्थित संभाग स्तर के अधिकारियों ने विमुक्त, घुमन्तु जातियों के कल्याण से संबंधित योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट पेश की साथ ही इन जातियों के कल्याण के लिए सुझाव भी प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद श्री सी आर मीना, एसडीओ अजमेर श्रीमती अनिता चौधरी, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग श्रीमती विजयलक्ष्मी गौड, यूआईटी सचिव श्रीमती विनीता श्रीवास्तव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री कालूराम रावत, उपनिदेशक शिक्षा विभाग श्रीमती मंजू दाधीच, समाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग टोंक, नागौर, भीलवाडा के अधिकारियों समेत विभिन्न विभागों के संभागीय अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
जनसुनवाई में सुनी समस्याएं
अजमेर 16 अगस्त। राज्य विमुक्त, घुमन्तु एवं अद्र्घ घुमन्तु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री गोपाल केसावत ने दोपहर बाद सर्किट हाउस में जनसुनवाई की। जनसुनवाई के दौरान रावण की बगीची मसूदा की नाडी निवासी बुद्घाराम ने 1970 में 17 गाडिया लौहार परिवारों को यहां पर आवंटित भूखंड के पट्टे नहीं मिलने की गुहार लगाई, जिस पर श्री केसावत ने उक्त प्रकरण की जिला कलक्टर से जांच करवाने की बात कही। ब्यावर निवासी नाथूलाल चतरावत एवं अन्य ने ब्यावर रामनाथ ट्रांसपोर्ट के पीछे खाली जमीन पर कंजर, सांसी समाज के 7 जूता पॉलिश करने वाले परिवारों को रोजगार के लिए स्थायी जमीन की मांग की। डांगेश्वर कॉलोनी मसूदा निवासी मनोज कंजर ने 15 वागरिया परिवारों के लिए भूखंड के पट्टे दिलवाने की मांग का प्रार्थना पत्र दिया। अजमेर निवासी हरिप्रसाद जाटव ने शहरी क्षेत्र में सरकार की 50 वर्गफीट के निशुल्क भूखंड दिलवाने की मांग का प्रार्थना पत्र दिया। उक्त परिवादो के अलावा अन्य परिवादो पर सुनवाई करते हुए श्री केसावत ने परिवादियों को समस्याओं का निस्तारण करने का भरोसा दिलाया।
जनसुनवाई में सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की उपनिदेशक श्रीमती विजयलक्ष्मी गौड एवं आमजन उपस्थित थे।