हो सकता है आसाराम ने गुनाह किया हो. लेकिन ईमानदारी से सोचिये क्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिआ बायस्ड होकर खबर नही चला रहा?? आसाराम के समर्थकों ने मीडिआ के साथ मारपीट की हालांकि फुटेज मे मीडिआकर्मी भी अटैकिंग मोड में नजर आ रहे थे.. खैर..
कितने चैनलों ने आजाद मैदान मुम्बई में जब मीडिया की कई गाड़ियां और ओबी फूंकी गई थी पर “सबसे बड़ा सवाल” वाली बहसें कराईं थीं, लखनऊ मे बुद्धा पार्क मे तांडव करने के बाद जब हुड़दंगियों ने मीडिआकर्मियों को पीटा तब कौन सी खबर किस चैनल पर नजर आई थी? आईबीएन-7 (तब चैनल-7) की ओबी बसपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ मे फूंकी थी, क्या चैनल ने मायावती को “गुंडा मायावती” कहा था?? एक साधारण सा सवाल (अगर मीडिआ बायस्ड ना होता तो) तो बन ही सकता था प्रॉसिक्युशन से. कि भईया कल आपने कोर्ट से वक़्त मांगा. कल ही क्यो कोर्ट को नही बताया गया कि इंवस्टिगेशन ऑफिसर को रिश्वत की पेशकश की गई थी? डीसीपी को धमकी दी गई थी? प्रॉसिक्युशन ने आश्चर्यजनक तरीके से आज ही खुलासा किया रिश्वत और धमकी का और वही आधार बना जमानत खारिज होने का. मुझे साफ साफ इलेक्ट्रॉनिक मीडिआ बायस्ड दिख रहा है. आपको??
पत्रकार चंदन श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से.