विदिषा/ प्रदेष भाजपा सरकार के मंत्री कैलाष विजयवर्गीय द्वारा सन्निकट विधानसभा चुनाव में गुना सीट से चुनाव लड़कर श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके अपने क्षेत्र में हैंसियत बताने के दावे-मसूबों को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी, विदिषा के पूर्व प्रवक्ता-महामंत्री जगदीष शर्मा ने कहा है कि विजयवर्गीय जिस भाजपा-खेत की बेषरम पौध और गाजर घांस से ज्यादा कुछ नहीं है, उसी खेत के सर्वोच्च वटवृक्ष अटल बिहारी वाजपेयी को उनके गृहनगर ग्वालियर के संसदीय क्षेत्र में 1985 में हुए लोकसभा चुनाव में श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूज्य पिताजी कै. श्रीमंत माधवराव सिंधिया ने करारी षिकस्त दे दी थी।
उस भयानक पराजय से वाजपेयी इतने भयभीत हो गए थे कि उसके बाद उन्होंने 1991 के चुनाव में नामांकन प्रस्तुति के अंतिम दिवस आखिरी क्षणों में बेहद गुपचुप तरीके से विदिषा पहुंचकर विदिषा लोकसभा सीट से अपना नामांकन प्रस्तुत कर चुनाव जीता था। शर्मा ने याद दिलाया है कि 1985 के चुनाव में नामांकन के अंतिम दिवस अंतिम क्षणों में कै. श्रीमंत माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुंचकर वाजपेयी के विरूद्ध अपना नामांकन प्रस्तुत कर दिया था, जिससे वाजपेयी को इतना भी समय नहीं मिल पाया था कि वाजपेयी अन्यत्र कहीं जाकर अन्य किसी सीट से अपना नामांकन प्रस्तुत कर सकते थे। श्रीमंत सिंधिया से वाजपेयी इतने भयाक्रांत हो गए थे कि उन्होंने विदिषा के साथ लखनऊ सीट से भी साथ ही चुनाव लड़ा था और सार्वजनिक वचन के बावजूद विदिषा क्षेत्रवासियों के साथ धोखा कर विदिषा सीट से त्यागपत्र देकर विदिषा के स्थान पर लखनऊ सीट को अपनाया था। वाजपेयी ग्वालियर से फिर चुनाव लड़ने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाए थे। जगदीष शर्मा ने दावा किया है कि गुना से चुनाव लड़ने पर विजयवर्गीय की जमानत तक जब्त हो जाएगी।
जगदीष शर्मा ने याद दिलाया है कि विजयवर्गीय के गृहनगर इंदौर में हुए मध्यप्रदेष क्रिकेट एसोसिएषन के अध्यक्ष के चुनाव में श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, विजयवर्गीय को एकाधिक बार धूल चटाकर विजयवर्गीय को उनकी औकात उनके गृहनगर में दिखा चुके हैं। शर्मा ने विज्ञप्ति में कहा है कि इस चुनाव में विजयवर्गीय जैसे बड़बोले, भ्रष्ट तथा चरित्रहीन मंत्री ही भाजपा का मुंह काला कराएंगे। शर्मा ने विजयवर्गीय के उस बयान पर भी तीव्र आपत्ति व्यक्त की है, जिसमें विजयवर्गीय ने श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को बली का बकरा और कमलनाथ आदि वरिष्ठ नेताओं को शातिर कहा है। शर्मा ने कहा है कि उमा भारती के नेतृत्व में हुए चुनाव में प्रदेष में भाजपा को 173 सीटें मिली थीं, लेकिन उसके ठीक बाद हुए पिछले चुनाव में यह संख्या 143 तक सिमट गई। इस चुनाव में भाजपा को दहाई की छोटी सी संख्या की सीटें भी मिलना असंभव है, क्योंकि पिछले पांच वर्षों में भाजपा के मंत्रियों, अन्य जनप्रतिनिधियों, नेताओं-कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार, दलाली, चरित्रहीनता, मनमर्जी आदि की तमाम सीमाएं लांघ कर भाजपा को बेहद बदनाम कर दिया है और मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान इस पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकामयाब रहे हैं।