गुमशुदगी के मामले में सिविल लाइन थाने पर लगे आरोप

gumshuda2अजमेर। साल 2012 में हुऐ ख्वाजा साहब के 800वे सालाना उर्स में चिकित्सा विभाग द्वारा ड्यूटी पर तैनात किए गऐ केकडी के ग्रांम बघेरा पीएचसी के वार्डबॉय के ड्युटी से रहस्यमय ढंग से लापता होने के 15 महिने होने के बाद भी सिविल लाईन थाना पुलिस वार्डबॉय गोपाल की गुमशुदगी के मामले मे कुछ नहीं कर पाई। गोपाल किर नाम के वार्डबॉय की गुमशुदगी 24 मई 2012 को सीएमएचओ डॉ लक्ष्मण हरचंदानी ने सिविल लाईन थाने मे दर्ज कराई थी। लेकिन सिविल लाईन थाना पुलिस आज तक उसे ढुढंने मे नाकाम रही।

gumshuda1इस बीच गोपाल के परिजनों ने अदालत मे इस्तगासा दायर करने के साथ बन्दी प्रतिक्षण याचिका भी दायर की। अदालत ने ततकालिन आईपीएस राजीव पचार को भी अदालत मे तलब किया लेकिन कोई निष्कर्ष नही निकला। जबकि रेल्वे जीआरपी थाना पुलिस ने 23 मई को एक युवक का शव पडा होने की सूचना भी सभी थानो को दी थी। बावजूद इसके सिविल लाईन थाना पुलिस ने गूमशूदा व्यक्ति के बारे मे काई पडताल नही की। सिविल लाईन थाना पुलिस ने स्टेशन पर मिले शव को दो दिन मोर्चरी मे रखवाया भी लेकिन उसकी शिनाख्तगी के कोई प्रयास नही किऐ और दो दिन के बाद शव को अज्ञात मान कर उसका अन्तिम संस्कार भी कर दिया।
मंगलवार को मृतक गोपाल की भाभी प्रेमलता ने अपने बयान से इस पुरे मामले को सदिग्ध बना दिया। प्रेमलता का कहना है कि गोपाल कि हत्या की गई है। उन्होनें गोपाल की पत्नी शान्ती और भीलवाडा और बघेरा के दो युवको पर शक जाहिर करते हुऐ सिविल लाईन थाना पुलिस को भी कटघरे मे ला खडा किया है। अब देखना होगा कि डेढ साल पहले हुऐ इस मामले में कानून मृतक और उसके परिजनो को क्या न्याय दिला पाता है।

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