रामनिवास मिर्धा के पोत्र और परसराम मदेरणा के दौहिते और दोनों परिवारों की सांझा विरासत के हकदार राघवेन्द्र मिर्धा पर सबकी नजरे टिकी है ,राघवेन्द्र विदेश से उच्च शिक्षित है साथ ही उन्होंने रामनिवास मिर्धा के साथ राजनीती की बारीकियां सीखी है ,उनकी राजनीती अलग है अभी तक उन्होंने स्वयं चुनाव लड़ने के कोई संकेत नही दिये है लेकिन क्षेत्र और गलियारों में चर्चे गर्म है कि राघवेन्द्र पर कांग्रेस अपना दांव खेल सकती है ,राघवेन्द्र युवाओं में लोकप्रिय है ,नागौर के संदर्भ में रुचि लेने वाले युवाओं से वो सीधे जुड़े है,जिला परिषद की बैठकों में वो खासे सक्रीय रहे है ,मनरेगा से अर्जित राशि ग्रामीण किस रूप में खर्च कर रहे है इस पर भी उन्होंने अध्ययन कर जमीनी रिपोर्ट दी थी. जिला प्रमुख चुनावों में सांसद गुट की करारी हार से राघवेन्द्र सियासत की सुर्ख़ियों में आये और विरोधियों में संकेत गया कि हाथ जोड़े बगेर साफ़ नही बंधेगा