केकड़ी। संत्संग की महिमा अपरम्पार हैं, सत्संग से ही इंसान के जीवन में सुधार आता हैं। ये उद्गार संत कालूराम निरंकारी ने अजमेर रोड़ पर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किये।
निरंकारी मण्डल प्रवक्ता रामचन्द्र टहलानी ने बताया कि संत कालूराम ने कहा कि बिना सत्संग के इंसान भक्ति नहीं कर सकता हैं,सद्गुरू के आदेश की पालना करना उसका अनुसरण करना भक्ति बन जाती हैं,मन,कर्म,वचन वाणी से जो संतो के उपदेशों की पालना करता हैं उसका जीवन महान हो जाता हैं। संत ने कहा कि सै अश्वमेघ यज्ञों की तुलना सत्संग के सवा घड़ी से की गई हैं सत्संग में जाना एक-एक कदम सौ यज्ञों के समान बताया गया हैं,इसलिये इंसान को हर कर्म करते हुए सत्संग में भी जाना चाहिए। सत्संग के दौरान सुने गये उपदेशों को जीवन में अपनाने से जीवन में सुन्दरता आती हैं हर पल प्रभु परमात्मा का स्मरण करना चाहिए।
सत्संग के दौरान लविश्का,रतन चन्द्र,गोपाल,सरीता निरंकारी,निशा शिवानी,तनुजा वासवानी,आशा रंगवानी,संगीता टहलानी,रोहित सहित अन्य ने गीत विचार प्रस्तुत किये। संचालन ब्रांचमुखी अशोक रंगवानी ने किया।
-पीयूष राठी