बांदरसिंदरी। ओज़ोन डे मनाना सही मायने में चरितार्थ तभी होगा जब हम अपशिष्ट पदार्थों के व्यवस्थापन का वैज्ञानिक तरीका समझें व इसकी जानकारी कैम्पस में रहने वाले हर व्यक्ति तक पहुंचाएं। यह कहना था राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.एम. सालुंखे का जो अर्न्तराष्ट्रीय ओज़ोन दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण विभाग की पर्यावरण जागरूकता सोसायटी ‘‘नवसृजन’’ के तहत आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व विभाग के शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति विद्यार्थियों व कैम्पस में कार्य कर रहे मजदूरों को जागरूक करना है। विश्वविद्यालय के कुलपति ने हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अवसर पर पहले दिन विद्यार्थियों ने कैम्पस को प्लास्टिक फ्री करने का नेक कदम आगे बढ़ाया जिसके तहत विद्यार्थियों ने समूहों में विभाजित होकर पूरे विश्वविद्यालय को प्लास्टिक मुक्त करने का प्रयास किया। विद्यार्थियों के इस कार्य को भरपूर सराहना मिली।
प्रो. सालुंखे ने इस अवसर पर हर्ष जताते हुए कहा कि पर्यावरण विभाग के विद्यार्थियों का पर्यावरण के प्रति सभी को जागरूक करने का यह एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने विद्यार्थियों से ओज़ोन लेयर संबंधित कई सवाल भी पूछे और उन्हें इस बात की जानकारी दी कि किन-किन तरह वे कैम्पस को रसायनों, अपशिष्ट पदार्थों व प्लास्टिक द्वारा दूषित होने से बचा सकते हैं। इस अवसर की महत्ता को समझते हुए विद्यार्थियों ने भी कई तरह के रोचक सुझाव प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम के पहले दिन क्विज़, स्लोगन राइटिंग व नेचर डीग्रेडेशन एण्ड प्रोटेक्शन इन कैम्पस विषय पर फोटोग्राफी प्रतियोगिता आयोजित की गई। साथ ही ओज़ोन डिप्लेक्शन एण्ड प्रोटेक्शन, रिड्यूज़, रियूज़, रिसाइकिल, नेचर प्रोटेक्शन पर पोस्टर प्रतियोगिता के साथ हस्ताक्षर अभियान आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को जागरूकता अभियान चलाया जाएगा साथ ही पर्यावरण संबंधित प्रदर्शनी व नुक्कड़ नाटक का मंचन होगा। कार्यक्रम के अंत में दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये जाएंगे।
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विश्वविद्यालय में लैंगिक समानता, यौन उत्पीड़न से सुरक्षा और सम्मान के साथ काम करने के अधिकार को प्रदान करने हेतु स्थापित समिति SPARSH (Sensitization, Prevention and Redressal of Sexual Harassment) वApex Body (ABS) तथा विश्वविद्यालय की शिकायत निवारण समिति UCC (University Complaints Committee) शामिल है।
स्पर्श की एपेक्स बॉडी विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार, 17 सितम्बर 2013 को एक काउंसलिंग सह संवेदीकरण सत्र का आयोजन कर रही है। इन सत्रों में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को एपेक्स के कार्य एवं गतिविधियों से अवगत कराया जाएगा। साथ ही यह सत्र विद्यार्थियों को लिंग भेदभाव को छोड़कर आपसी सम्मान भाव विकसित करने में तथा तनाव से निपटने में विद्यार्थियों की सहायता करेगा। सत्र में विद्यार्थी अपनी निजी समस्याओं को विशेषज्ञों से साझा कर सलाह भी ले सकते हैं।
-अनुराधा मित्तल
जनसम्पर्क अधिकारी