केकड़ी। कोआ किससे क्या ले लेता हैं,कोयल किसको क्या दे देती हैं बस मीठी वाणी से सबका मन हर लेती हैं,आज इंसान की पहचान उसकी वाणी से होती हैं। ये उद्गार मुखी अशोक रंगवानी ने अजमेर रोड़ पर स्थित निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किये।
निरंकारी मण्डल प्रवक्ता रामचन्द्र टहलानी ने बताया कि सत्संग के दौरान मुखी अशोक ने कहा कि आज इंसान जैसा संग करता हैं वैसा ही उसका रंग हो जाता हैं। संतो के संग से इंसान में दया,करूणा,प्यार,नम्रता,सहनशीलता आती हैं अज्ञानियों के संग से इंसान में क्रोध,वैर,नफरत की भावना आती हैं। इंसान कर्मों की महक से सद्गुरू का अपने कुल का नाम रोशन कर सकता हैं। जैसा हमारा वचन हो,बोली हो वैसा ही हमारा कर्म भी हो चाहिए। जब इंसान को बोलने में और उसे अपनाने में फर्क आ जाता हैं तो वह दुखी हो जाता हैं। इसलिये संतो का संग करना चाहिए व सत्संग में आकर वहां आये संतो के उपदेशों को अक्षरस अपने जीवन में अपनाना चाहिए जिससे उसका जीवन महक उठे व वह दूसरों के लिये प्रेरणास्त्रोत बन सके।
सत्संग के दौरान लक्ष्मण धनजानी,सुधी रंगवानी,गोपाल,गोर्धन,रेश्मा रंगवानी,प्रशान्त, प्रीती,भरत भगतानी,गौरव,मोहित सहित अन्य ने गीत विचार प्रस्तुत किये। संचालन प्रेम जेठवानी ने किया।
-पीयूष राठी
