


फैशन शो में मस्त क्लब के लोगो ने किया नियम का उलंघन।
नहीं रहा इन्हें कुछ भी सुध….पास ही है शहर का जेएनल अस्पताल और रिहाय्शी कॉलोनी। लेकिन यह लोग थे पश्चिमी संस्कृति में मस्त।
माना समय के साथ परिवर्तन जरुरी है लेकिन ऐसा परिवर्तन बिलकुल नहीं जो देश की संस्कृति को ही ख़त्म करदे। हमारी पहचान को ही गुम कर दे।
अगर परिवर्तन ऐसा होता है जिससे हमारी संस्कृति ख़त्म होती है तो माफ़ करना मुझे नहीं चाहिए यह परिवर्तन।
सुशील पाल की फेसबुक वाल से साभार