नई दिल्ली। लीबिया के प्रधानमंत्री अली जेदान का जन्म 15 दिसंबर 1950 में हुआ था। जिदान ने प्रधानमंत्री कुर्सी पिछले साल 14 अक्टूबर 2012 में संभाली थी। लगातार 42 साल तक लीबिया पर राज करने वाले गद्दाफी के हटने के बाद देश में लंबे समय तक गृह युद्ध चला तो माना गया कि अब लीबिया इन सब से नहीं उभर पाएगा। लेकिन जिदान ने लीबिया को मजबूत देश बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी।
उन्होंने एक बार कहा था कि हम लीबिया को दोबारा खड़ा करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को एक महीने में खड़ा नहीं किया जा सकता। एक तरह से कहा जाए तो जिदान लीबिया के लोगों को लोकतंत्र का स्वाद चखाने की कोशिश कर रहे हैं।
लीबिया का वर्तमान संकट कच्चे तेल को लेकर जारी सरकार और नागरिक सेना के बीच युद्ध है। इसे निपटाने के लिए जिदान भरपूर कोशिश कर रहे हैं और शायद यही उनके लिए खतरा भी बनता जा रहा है। जिदान ने एक बार कहा था कि यदि स्थिति गंभीर होती है तो लीबिया एक देश की तहर ही व्यवहार करेगा। उन्होंने कहा था कि ‘कुछ संभव है। कुछ वापस सामान्य हो सकता है, वो भी न्यूनतम नुकसान के साथ, हम ये कर सकते हैं।’
भारत में भी रहे हैं जिदान
भारत में लीबिया के एम्बेसडर मोहम्मद मागारिफ के तहत अली जिदान 1970 के दौरान भारत में कार्यरत थे। दोनों ही लोगों ने 1980 में लीबिया की मुक्ति के लिए नेशनल फ्रंट का निर्माण किया।