अजमेर। आखिर तमाम विवादो, आशंकाओ और आपतियों के बावजूद जगतपिता ब्रह्ममंदिर के मंहत की गद्दी पर सोमपुरी की ताजपोशी हो गई। पूर्व मंहत लहरपूरी की षोड़षी के अवसर पर शांतिपूर्ण तरीके से सोमपूरी को सैंकडो साधु संतो और गणमान्य नागरिको ने शोल ओढाकर रस्म अदायगी पूरी की। कार्यक्रम शान्तिपूर्ण समपन्न होने के बाद प्रशासन और पुलिस ने भी राहत की सांस ली। न्यायलय के आदेशो के बावजूद तमाम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारीयो की मौजूूदगी में मत्युभोज का भंडारा आयोजित किया गया। जिससे न्यायलय के आदेशो की धज्जियां उड गई। ब्रह्मामंदिर परिसर में ही सैंकडो साधु-संतो को खाना खिलाकर दान-दक्षिणा भी दी गई। हालांकि पुलिस के आला अफसर बार बार यही बात कहते रहे कि न्यायलय के आदेशो की पालना करते हुए तमाम धार्मिक रीति रिवाज पुरे हुए है। मामले की नजाकत को देखते हुए सुबह से ही अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक ग्रामीण कालूराम रावत, किशनगढ सीओ नरेश चीता, गा्रमीण सीओ प्रीति चैधरी, सर्किल के पीसागन, गैगल, मांगलियावास सहित चार थानो के थानिधिकारीयों और करीबन 100 अतिरिक्त पुलिस बल ने मौर्चा संभाल रखा था। तहसीलदार महावीर प्रसाद शर्मा और पटवारीयो की टीम कलक्टर को पुरी जानकारी दे रहे थे। महानिर्वाणी अखाडा, जूना अखाडा सहित देश के अनेक हिस्सो से आए साधु संतो ने सोमपूरी को मंहत बनाने पर खुशी जाहिर करते हुए इसे संस्कृति के अनुकूल बताया।