मदनगंज-किशनगढ। हवस के अंधे युवक द्वारा किए गए कृत्य से इंसानियत शर्मसार हो गई, समाज के प्रबुद्धजनों के सिर शर्म से झुक गए, ऐसा होना भी स्वाभाविक था क्यों घटना ही ऐसी थी जिस अवस्था में बच्ची ने मॉं का दूध पीना भी नहीं छोडा हो उस उम्र में वह वहशी दरिन्दे की हैवानियत की शिकार हो गई। रूपनगढ़ के निकटवर्ती गांव त्योद में बावरी जाति की 2वर्षीय मासूम अपने माता पिता व बडे भाई बहनो के साथ शादी समारोह में आई हुई थी। दोपहर दो बजे के आसपास मासूम को कमरे में सुला कर मासूम की मां परिवार जनों के साथ शादी की रस्मे मेें व्यस्त थी। तभी शादी में आया आरोपी कुचामन निवासी हीरालाल (3०) शराब के नशे में धुूत्त होकर कमरे में सो रही मासूम को अकेला देख उस पर हैवानियत सवार हो गई और वह उसे उठाकर छत पर ले गया और मासूम से दुराचार कर अपनी हैवानियत की भूख शांत की। इस दौरान मासूम के रोने की आवाज सुन उसकी बडी बहन छत पर पहुंची तो उसने नजारा देख नीचे बैठी औरतों को पुकारा, मासूम की मां सहित अन्य औरतें छत पर पहुंची तो मासूम लहुलूहान अवस्था में बिलख रही थी, आरोपी मौका देखकर वहां से फरार होने में था पर उससे पहले मौजूद औरतों ने उसको पकड़ कर धुन डाला। मामले की सूचना पुलिस थाना रूपनगढ़ को की गई जिस पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आरोपी को गिरफ़्त में लिया। बुरी तरह घायल मासूम को पहले त्योद अस्पताल ले जाया गया जहां से पहले रूपनगढ़ और उसके बाद किशनगढ़ अस्पताल मे ईलाज के लिए रैफर कर दिया गया।
वर्मा ने की मेडिकल छात्रों के लिए देहदान
मदनगंज-किशनगढ। भारत विकास परिषद के नेत्रदान एवं देहदान प्रकल्प के अंतर्गत कम्यूनिस्ट पार्टी के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष एवं स्वतंत्रता सैनानी कृष्णकांत वर्मा के निधन पर भारत विकास परिशद की प्रेरणा एवं वर्मा द्वारा की गई वसीयत के अनुसार बुधवार को उनके परिजनों ने देहदान किया। इससे पूर्व उनके पार्थिव शरीर को अजमेर रोड स्थित कम्यूनिस्ट पार्टी कार्यालय पर पार्टी के जिले व प्रदेश के पदाधिकारियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद उन्हें लाल झंडे में लपेट कर उनकी शव यात्रा निकाली गई। जिसमें सीपीएम जयपुर के सचिव कामरेड प्रो. वासुदेव आचार्य, रविन्द्र शुक्ला, केडी शर्मा, दिनेश गौड, अब्दुल वहीद, दयाराम ब्यावर, सत्यनारायण खारोल, धनराज पारीक पुत्र हरीश वर्मा एवं परिजनो के अतिरिक्त परिषद के मुकुट बिहारी मालपानी, पवन अग्रवाल, जुगल राठी, राजकुमार जैन, दिेनेश जैन आदि शामिल थे। किशनगढ़ में प्रथम बार हुए देहदान प्रक्रिया में स्थानीय डॉ. पीसी पाटनी, डॉ. अजय जैन, प्रदीप पापडीवाल, राजकुमार बांगड, हरिकिशन छापरवाल, रमेश अग्रवाल आदि का सहयोग रहा। अंतिम यात्रा के बाद वर्मा की देह को अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सारस्वत, अधीक्षक डॉ. अशोक चौधरी, डॉ. अंजना माथुर, डॉ. विकास सक्सेना आदि को सौंपा कया। उल्लेखनीय है कि देहदान के बाद मेडिकल छात्रों को शरीर संबंधी अध्ययन कराने में मार्ग दर्शन का कार्य करती है।
-राजकुमार शर्मा