अजमेर – हम महफूज़ है और चैन की नींद सोते है क्योंकि हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए देष के सैनिक मुस्तैदी से खड़े है । अपने प्राण उत्सर्ग करके भी हमें स्वतन्त्र सुरक्षित ओर संप्रभु रखते है । उनके साहस, देष प्रेम, जज्बें व बलिदान को हम कृतज्ञता पूर्वक नमन करके ये उद्गार व्यक्त किए संस्कृति द स्कूल के प्राचार्य रि.लें. कर्नल ए.के. त्यागी इस अवसर पर विद्यालय में आयोजित 42 वें विजय दिवस को साद्गी व श्रद्वा से मनाया गया।
इस अवसर पर ले. कर्नल त्यागी ने बताया कि आज के दिन को विजय दिवस उन शहीदों की याद में मनाया जाता है । जिन्होनें 1971 के भारत पाक युद्व में भाग लिया तथा देष को विजय श्री दिलाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया , श्री त्यागी ने इस दिन का इतिहास विद्यार्थियों को बताते हुए कहा कि भारत के जनरल जगजीत सिंह अरोरा के नेतृत्वमें लड़ा गया यह युद्व अल्पकाल का होते हुए भी अत्यन्तक कठिन था जिसमें भारतीयों ने पाकिस्तान के जनरल आमीर अब्दुला खान नियाजी व उनके 93,000 सैनिक टुकड़ीयों को समर्पण करले के लिए मजबूत किया बल्कि पाकिस्तान के पूर्वी भाग को बांग्लादेष के रूप में नया राष्ट्र भी बनाया। आज के दिन सेना के तीनों अंग के सेनाप्रमुख व रक्षा मंत्री इण्डिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर इस युद्व धरा शहीदों को श्रद्वाजंलि अर्पित करते है । कार्यक्रम के पष्चात संस्कृति द स्ूल के विद्यार्थी बजरंगढ़ चौराहे स्थित विजय स्मारक पर गए तथा श्रमदान करते हुए उन्होने युद्व में काम में लिए गए टैंक की सफाई की । शहीदों के साथ साथ दिल्ली के वीभत्सा की पीड़िता निर्भया को भी भावभीनी श्रद्वाजंलि दी गई तथा ऐसी कोई घटना जो देष को शर्मषार करे कि पुनरावृति न हों ।
