राज्य में शैक्षिक वातावरण का निर्माण हो-शिक्षा मंत्री

PRO15.1.14p1PRO15.1.14p2अजमेर। शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सर्राफ ने कहा है कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में स्थापित विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की मनमानी रोकने एवं उन पर अंकुश रखने के लिए रेगुलेटरी बोर्ड का गठन शीघ्र किया जाएगा। राज्य सरकार की साठ दिवसीय कार्ययोजना में इसे लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में शैक्षिक वातावरण का निर्माण हो इसके लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री श्री सर्राफ आज अजमेर में राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के दो दिवसीय 52वें प्रान्तीय अधिवेशन को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार के आयाम स्थापित हो, जिससे राजस्थान की पहचान पूरे देश में बने। इसके लिए प्रयास किए जाएंगे और आने वाली समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक उपखण्ड मुख्यालय पर राजकीय महाविद्यालय खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अलवर में स्थापित मत्स्य विश्वविद्यालय का नाम राजऋषि भर्तरी विश्वविद्यालय, भरतपुर में स्थापित बृज विश्वविद्यालय का नाम महाराजा सूरजमल विश्वविद्यालय तथा शेखावटी विश्वविद्यालय का नाम दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय करने की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी है। इसी प्रकार झाड़ोल व तारा नगर में नए कॉलेज खोलने तथा राजगढ़ व देवगढ़ में महाविद्यालय के लिए जमीन देने की भी प्रशासनिक स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा दी गई है।
उन्होंने शिक्षकों को विश्वास दिलाया कि उनकी सभी वाजिब समस्याओं का समाधान मिल बैठकर किया जाएगा। अब उन्हें आंदोलन करने की आवश्यकता नहीं होगी। राज्य सरकार की सोच पूरी तरह से सकारात्मक है और इसी दिशा में चलकर शैक्षिक वातावरण को सुधारने का पूरा प्रयास सभी के सहयोग से किया जाएगा। आज ही उन्होंने अठहतर व्याख्याताओं के पदस्थापन आदेश जारी किए हैं। महाविद्यालय व विश्वविद्यालय में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ होगी।
राजकीय महाविद्यालयों में आयोजित इस अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने इस मौके पर शिक्षकों का आव्हान किया कि वे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आगे आएं। विद्यार्थियों में ऐसे भाव पैदा करे कि वे राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग दे सके। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार की सोच सकारात्मक है तो शिक्षकों को भी अपनी कत्र्तव्य परायणता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने अजमेर में एक और विश्वविद्यालय खोलने का भी अनुरोध किया।
समारोह के विशिष्ठ अतिथि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. विमल प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर राज्य में 12 से 23 जनवरी तक कत्र्तव्य बोध कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें शिक्षको को भी अपनी महती भूमिका निभानी चाहिए।
समारोह के प्रारम्भ में संघ के अध्यक्ष डॉ. मधुर मोहन रंगा जो राजकीय महाविद्यालय अजमेर के प्राचार्य भी हैं ने शिक्षा मंत्री एवं विभिन्न अतिथियों तथा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत व अभिनन्दन किया। महामंत्री डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं का प्रभावी तरीके से चित्रण किया। अंत में आयोजन सचिव डॉ. सुशील कुमार बिस्सु ने आभार प्रकट किया। समारोह में अजमेद दक्षिण की विधायक श्रीमती अनिता भदेल, विधायक विराट नगर श्री फूलचंद भिण्डा, पूर्व सांसद श्री रासा सिंह रावत, पूर्व कुलपति डॉ. पी.एल. चतुर्वेदी, डॉ. लोकेश शेखावत व डॉ. सी.बी. गैना सहित अनेक शिक्षाविद मौजूद थे। दो दिवसीय इस अधिवेशन में बुधवार की सांयकाल देराश्री स्मृति व्याख्यान का आयोजन होगा। कल 16 जनवरी को प्रात: शैक्षिक संगोष्ठी तथा प्रात: 11 बजे सेवानिवृत शिक्षकों का सम्मान करने के पश्चात अधिवेशन का समापन होगा।

शिक्षा मंत्री का अजमेर पहुंचने पर स्वागत
शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सर्राफ का मंत्री बनने के बाद पहली बार अजमेर पहुंचने पर सर्किट हाउस में जन प्रतिनिधियों एवं अनेक नागरिकों ने स्वागत व अभिनन्दन किया। विधायक प्रो. श्री वासुदेव देवनानी, नगर निगम के उप महापौर श्री अजीत सिंह सहित अनेक जन प्रतिनिधियों ने श्री सर्राफ का स्वागत किया।

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