


शिविर में स्वयंसेवकों की कठोर अनुशासित दिनचर्या में शंख ध्वनि से एक साथ जागरण, शाखा, बौद्धिक सत्र, भोजन, विश्रांति, शारीरिक अभ्यास शामिल है। उल्लेखनीय है कि इस शिविर में स्वयंसेवक स्वयं का वाद्य यंत्र लाए है तथा शिविर की भोजनादि व्यवस्थाओं का शुल्क की स्वयं ने वहन किया है।
कल दिनांक 01 फरवरी को शिविर में भाग ले रहे सभी स्वयंसेवकों द्वारा घोष वाद्यों को बजाते हुए संचलन निकाला जाएगा। पथ संचलन प्रातः 11ः45 बजे सुभाष उद्यान के मुख्य द्वार से प्रारम्भ होगा। नियत समयानुसार चलते हुए संचलन गंज, देहली गेट, धानमण्डी, दरगाह बाजार, नला बाजार, मदार गेट, गांधी भवन चौराहा, कचहरी रोड़, इंडिया मोटर्स चौराहा, अग्रसेन चौराहा से होते हुए पटेल मैदान पर समाप्त होगा।
संगठन शास्त्र का मंत्र है – ‘संगच्छध्वं संवदध्वं संवो मंनासि जानताम्। अर्थात् कदम से कदम मिलाकर चलने एवं स्वर से स्वर मिलने पर मन मिलते है। इसी कारण संघ की दैनिक शाखा में प्रतिदिन संचलन अभ्यास को अनिवार्य कार्यक्रम में रखा गया है। उत्तम संचलन में घोष की अति महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। सामान्यतः पथ संचलन में घोष वादकों के 2-3 दल ही रहते है। किन्तु 600 घोष वादकों का विशाल पथ संचलन प्रान्त में प्रथम बार विशिष्ट दृश्य उपस्थित करेगा।
दिनांक 02 फरवरी को शिविर का समारोह कार्यक्रम पटेल मैदान में अपरान्ह 03ः00 बजे आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न व्यूहरचनाएँ बनाते हुए घोष वादकों द्वारा भारतीय रागों पर आधारित रचनाओं का वादन किया जाएगा। इसके पश्चात् राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव जी भागवत का उद्बोधन होगा।
चिकित्सकों की सेवायें वापस – रेजीडेन्ट डाक्टरों की हड़ताल के चलते चिकित्सा सुविधाओं में सामान्यजन को आ रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए आज संघ के शिविर में प्रतिनियुक्त किये गये चिकित्सकों की सेवायें संघ ने निवेदन पूर्वक राजकीय चिकित्सालय को लौटा दी है।
(सुनील दत्त जैन)
महानगर संघचालक
मो. 9829147270