अजमेर / सुपरिचित कवि बख्शीष सिंह की नयी कृति ‘भगत रविदास जी‘ का अजमेर के साहित्यकारों ने स्वागत किया है। इस कृति में सिंह ने श्री गुरूग्रंथ साहिब जी में संकलित भगत रविदास जी के 16 रागांे में गाये जाने वाले पंजाबी भाषा के 40 सबद का सरल हिन्दी अनुवाद व भावार्थ प्रस्तुत किया है। यह संभवतः इस प्रकार का पहला प्रयास है जिसमें संत रविदास की ईष्वर भक्ति से डूबी निर्मल वाणी को हिन्दी में लिखकर जाति-पाँति व ऊँच-नीच के भेद को मिटाने की चेष्टा की गई है। बख्शीष सिंह ने बताया कि श्री गुरूग्रंथ साहिबजी में 15 हिन्दू-मुसलमान, भगतों-फकीरों की रचनाओं को समान स्थान दिया गया है, उनका प्रयास है पंजाबी भाषा से इन सबका हिन्दी अनुवाद कर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करें। इस क्रम में यह उनकी दूसरी कृति है। इस उपलब्धि पर नाट्यवृंद के उमेष चौरसिया, डॉ. रमेष अग्रवाल, पद्मश्री डॉ. चन्द्रप्रकाष देवल, डॉ. बद्रीप्रसाद पंचोली, डॉ. अनन्त भटनागर, गोपाल माथुर आदि साहित्यकारों ने बधाई देते हुए उनका अभिनन्दन किया है।
