भारत विश्व महाशक्ति बनने की सम्भावना रखता है

20140223_181106अजमेर, सर्वधर्म समन्वय मंच, अजमेर के बैनर पर महर्षि दाधीच वाटिका में उरोक्त विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विशिष्ट अतिथि अजयमेरू महानगर सर संघ चालक श्री सुनील दत्त जैन ने उपरोक्त विषय पर प्रस्तावना रखी कि भारत किस तरीके से भूतकाल में विश्व का महागुरू रहा है और वर्तमान परिदृश्य में भी विश्व में महाशक्ति बनकर उभर रहा है। उससे भारत को विश्व की महाशक्ति बनने से कोई नही रोक सकता। परन्तु आश्यक है कि हम अपने अचार, विचार, सामाजिक परिदृश्य को अनुकूल रखें क्यों कि भारत ही विश्व में ऐसा देश है जहां पर सामाजिक जीवन जीया जाता है। इस परिप्रेक्ष्य में श्री सुनील जी जैन ने कई उदाहरण रखे के भारत कैसे विश्व महाशक्ति बनने की सम्भावना रखता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुऐ राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य सैयद इब्राहीम फखर ने अतिथियों का परिचय दिया के श्री मुजफ्फर हुसैन ने किस तरीके से अपनी लेखनी और पत्रकारिता के दम पर विश्व में ना केवल नाम कमाया बल्कि अनेकों सम्मान से आपको नवाज़ा गया। उपरोक्त संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पदम्श्री मुज़फ्फर हुसैन ने कहा कि भारत भूतकाल में भी महाशक्ति था और भविष्य में भी महाशक्ति बनेगा। यह निर्धारित है कि जब स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जयन्ती शुरू होगी तब से ही भारत के विश्वगुरू बनने का रास्ता शुरू हो जायेगा। भारत के विश्वगुरू बनने की परिकल्पना सर्वप्रथम स्वामी विवेकानन्द ने ही की थी। तत्पश्यात गुरू गोलवेकर और पूर्व सरसंघ चालक सुदर्शन जी ने भी और भारत पूर्वराष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भी यही परिकल्पना के 2020 के पश्चात भारत विश्व के मानचित्र पर एक महाशक्ति बनके उभरेगा इसके लिए आवश्यक है कि भारत में व्याप्त सामाजिक कुरूतियों को समाप्त किया जाये और भारत में हर नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हो। किसी तरह का अल्पसंख्यक बहु संख्यकवाद ना हो भारत में सिर्फ भारतीय हो और हर व्यक्ति राष्ट्रचिंतन के लिए चिंतित हो साथ ही राज्य अपना दायित्व समझे और तमाम नागरिकों को समान अधिकार दे क्यों कि स्वामी विवेकानन्द के बाद ही डा.ॅअल्लामा इकबाल ने कहा है कि “मिट गये दुनिया से इरान और रोमो मिस्त्र कुछ बात हैं हम में जो हस्ती मिटती नहीं हमारी“ विश्व में जितनी भी महाशक्तियां थी एक-एक करके सब विखंडित और विनाश की ओर जा रही हैं फिर चाहे वो ग्रेट ब्रिटेन हो, यूरोप हो रशिया हो या फिर अमेरिका भारत की एकमात्र देश है जहां पर अध्यात्म के साथ साथ सामाजिक सरोकार होता है जहां एक गांधी जैसा साधारण व्यक्ति भी विश्व की महाशक्तियांें को अपने भूखे नंगे बदन के साथ चेलेंज करता है और ना केवल चेलंेज करता है बल्कि अपनी अहिंसा और त्याग के दम पर विश्व को सोचने पर मजबूर करता है। इसलिए भारत में ऐसी कई विभूतियां हुई हैं जिन्होंने विश्व को बहुत कुछ दिया है पूरे विश्व मंे जहां विखंड का दौर है बडे बडे देश टूट रहे हैं। वहीं दूसरी और भारत विश्व में मानचित्र पर अपना आकार बढ़ाने की ओर अग्रसर है। ऐसी शक्ति बनकर भारत विश्व मानचित्र पर महाशक्ति के रूप में उभरेगा। जिसमें समाजिक चिंतन और अध्यात्म शामिल होगा जिसमें भारत का हर नागरिक चाहे वो हिन्दु हो या मुस्लमान या किसी और मज़हब का मानने वाला हो सब की समान भागीदारी होगी। और यह शुरूवात हो चुकी है कि भारत हर विषय में महाशक्ति बनकर जल्द ही उभरेगा।
अन्त में अतिथियों को कार्यक्रम के ससंयोजक स्टीफन सेमसन और सैयद सलीम द्वारा स्मृति दिया गया। तथा कार्यक्रम के संयोजक अनीष मोयल ने सभी अतिथियांे को धन्यवाद परित किया।
कार्यक्रम का संचालन जिला परिषद सदस्य राजेन्द्र रावत नोलखा ने किया।
इस मौके पर रासासिंह रावत, प्रो. भगवति प्रसाद सारस्वत, आनन्द सिंह राजावत, शफी बक्श, प्रो. बद्रीप्रसाद पंचोली, उमरदान लखावत, तथा अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
अनिष मोयल
कार्यक्रम संयोजक

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