अजमेर। जल संसाधन मंत्री प्रो. सांवर लाल जाट ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे किसानों और पशुपालकों की भलाई के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। आने वाले समय में अनेक लोक कल्याणकारी योजनाएं प्रारम्भ की जाएंगी। प्रो. जाट आज सायंकाल अजमेर जिले के नसीराबाद विधान सभा क्षेत्र के मकरेड़ा ग्राम में दुग्ध सहकारी समिति में बल्क मिल्क कुलर मशीन एवं नवनिर्मित हॉल का लोकार्पण और पशु पालकों को दो वर्ष का बोनस वितरण करने के बाद आयोजित जन सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीमती वसुन्धरा राजे की सरकार राज्य में प्रत्येक नागरिक के सुख-दुख में उसके साथ है एवं आने वाले समय में राजस्थान को विकसित राज्य बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से पशु पालकों को डेयरी के क्षेत्र में किसी प्रकार की दिक्कत नही आएंगी। जो अनुदान सरकार द्वारा दिया जा रहा है उसे नियमित रखने के लिए वे मुख्यमंत्री से शीघ्र ही अनुरोध करेंगे। दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी प्रकार के प्रयास किए जाएंगे।
प्रोफेसर जाट ने विश्वास दिलाया कि पीसांगन क्षेत्र में बीसलपुर पेयजल योजना का पानी जल्दी पहुंचे। इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हंै। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने क्षेत्र में लोगों को किसी भी प्रकार से निराश नहीं करेंगे।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने डेयरी की गतिविधियों के बारे में बताया और दुग्ध उत्पादकों को विश्वास दिलाया कि डेयरी उनके दूध का पूरा व अच्छा पैसा उपलब्ध करा रही है।
जन सभा में मकरेड़ा के सरपंच श्री शिवजीराम चौधरी ने मकरेड़ा की बालिका उच्च प्राथमिक स्कूल को माध्यमिक स्कूल क्रमोन्नत करने, बीसलपुर का पानी उपलब्ध कराने, बीसलपुर पाइप लाईन डालने के बाद घर घर कनेक्शन देने का अनुरोध किया। इस अवसर पर प्रबंध संचालक मौजूद थे।
जल संसाधन मंत्री ने दुग्ध उत्पादकों को बोनस की नकद राशि तथा उपहार भी वितरित किए डेयरी की ओर से लगभग 100 छात्रों को छात्रवृति के भी चैक दिये। मकरेड़ा पहुचने पर ग्रामीण नर- नारियों ने प्रोफेसर जाट का गाजे बाजे व मंगल गीत से जोरदार स्वागत व अभिनन्दन किया। इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री सी.एम. चौहान भी उपस्थित थे।
डेयरी आंदोलन से जुड़े रहे है प्रो. जाट
जल संसाधन मंत्री प्रो. जाट शुरू से सहकारिता एवं डेयरी आंदोलन से जुड़े रहे है। प्रो. जाट ने बताया कि उन्होंने 1977-78 में गुजरात की उरमूल डेयरी में जाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया था। वे साईकिल पर अपने गांव गोपालपुरा से बिजयनगर डेयरी तक दूध देने आते थे। किसानों के लिए पशुपालन एक अच्छा व्यवसाय है। जहां कृषि में 6 महिनें बाद किसानों को लाभ मिलता है वहीं दुग्ध व्यवसाय में उन्हें तत्काल भुगतान मिल जाता है।
हाथों हाथ पहुंचाया पानी
जल संसाधन मंत्री प्रो. जाट ने मकरेडा के पास ढाको की ढाणी में ग्रामीणों की परेशानी को समझ कर हाथों हाथ पीने का पानी पहुंचाया। ग्रामीणों ने प्रो. जाट से आग्रह किया था कि उनकी ढाणी में पीने के पानी की समस्या है। उन्होंने तुरन्त विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए और लाखों रूपये की लागत से पाईप लाईन डलवाकर पेयजल उपलब्ध करवाया।