अजमेर। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 802 वें सालाना उर्स की छठी के अवसर पर कुल की रस्म आज सम्पन्न हुई। कुल की रस्म में बड़ी संख्या में ख्वाजा के अकीदतमंदों ने भाग लिया। कुल के छीटेंं देने के साथ ही जायरीन का अजमेर से तेजी से लौटना शुरू हो गया है। कुल की रस्म के दिन अजमेर में जायरीन की संख्या तेजी से बढ़ी। आज दोपहर बाद इनका अजमेर से लौटना शुरू हो गया। कायड़ और ट्रांसपोर्ट नगर विश्राम स्थली से जायरीन के वाहन भी सायंकाल से तेजी से जाना शुरू हो गये।
दरगाह में कुल की रस्म के अवसर पर आज महफिल खाने में उर्स की आखिरी महफिल दरगाह दीवान सज्जादानशीन जैनुएल आबेदीन की सदारत में सम्पन्न हुई। महफिल के बाद सज्जादा नशीन जन्नती दरवाजा होते हुए गुम्बद शरीफ पहुंचे और इसके साथ ही कुल की रस्म सम्पन्न हुई। जन्नती दरवाजा भी बन्द कर दिया गया। इस समय आस्ताना शरीफ में सभी खुद्दामों ने गरीब नवाज से दुआ की।
जायरीन बेगमी दालान सहित गुम्बद शरीफ के चारों ओर केवड़े का जल छिड़क कर उसे रूमाल के माध्यम से वापस इकट्ठा कर बर्तनों में अपने घर ले गये। दरगाह व आस-पास के मेला क्षेत्र तथा दोनों विश्राम स्थलियों पर जायरीन के लिए किये गये विशेष इंतजामों से देश के कोन-कोने और बाहर से आये जायरीन प्रसन्न नजर आ रहे थे।
कायड़ विश्राम स्थली से फव्वारा सर्किल तक जायरीन को लाने ले जाने के लिए रोडवेज की बसों के किए गये व्यापक इंतजाम, सुनियोजित यातायात व्यवस्था, दरगाह बाजार, नला बजार, त्रिपोलिया गेट, ढ़ाई दिन का झोंपड़ा, मदार गेट, पन्नीग्राम चौक, डिग्गी चौक, लंगरखाना, खादिम मौहल्ला सहित आस-पास के क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा विशेष सफाई और आवारा पशुओं को पकडऩे की व्यवस्था की गई। दरगाह के आस-पास तथा पूरे मेला क्षेत्र में की गई पुख्ता व चाक चौबन्द सुरक्षा व्यवस्था से जायरीन को काफी सहूलियतें रही।
जिला कलक्टर श्री भवानी सिंह देथा, पुलिस अधीक्षक श्री महेन्द्र चौधरी, मेला मजिस्ट्रेट व अतिरिक्त कलक्टर (शहर) श्री हरफूल सिंह यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने सम्पूर्ण व्यवस्थाओं की लगातार निगरानी कर व्यवस्थाओं को अंजाम दिया। जिला मजिस्ट्रेट ने कुल की रस्म के अवसर पर कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए 16 कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किये। पुलिस अधीक्षक ने भी इनके साथ पुलिस अधिकारियों को लगाया।
कार्यपालक मजिस्टे्रट नगर निगम के सीईओ श्री सी. आर. मीणा, आरपीएससी के उप सचिव श्री भगवत सिंह राठौड़, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त श्री गिरीश बच्चानी, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम श्री गजेन्द्र सिंह राठौड़, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के उप महानिरीक्षक श्री भरत कुमार शर्मा व तहसीलदार श्री गजराज सिंह सोलंकी, जिला परिषद के एसीईओ श्री महेन्द्र प्रकाश शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक श्री बजरंग सिंह चौहान, प्रशिक्षु आईएएस श्री ओमप्रकाश कसेरा, आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री आशुतोष गुप्ता, राजस्व मण्डल के उप निदेशक श्री हेमन्त स्वरूप माथुर, तहसीलदार श्री प्रवीण कुमार गूगरवाल, एडीएम द्वितीय श्री यशोदानन्दन चौहान, एसडीएम डॉ. राष्ट्रदीप यादव, तहसीलदार श्री रामकुमार टाडा एवं राजस्व मण्डल के सदस्य श्री मोहम्मद हनीफ ने विभिन्न व्यवस्थाए संभाली।
दरगाह दीवान के सचिव एवं जांनशीन सैय्यद अलाउद्दीन अलीमी चिश्ती के अनुसार सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 802 वां उर्स का शुक्रवार को कुल की रस्म के साथ समापन हो गया। दरगाह स्थित महफिल खाने में कुल की महफिल हुई जिसकी सदारत ख्वाजा साहब के वंशज एवं सज्जादानशीन दीवान सैय्यद ज़ैनुल आबेदीन अली खान परम्परागत रूप से की।
दरगाह दीवान के सचिव एवं सैय्यद अलउद्दीन अलीमी ने बताया कि शुक्रवार को प्रातः महफिल खानें में कुरआन ख्वानी की जाकर 10ः45 बजे हजरत अमीर खुसरो द्वारा लिखित आज रंग है री मां रंग है……… से कुल की महफिल का आगाज हुआ और इसमें देश की विभिन्न खानकाहों के सज्जादानशीन, सूफी, मशायख सहित जायरीने ख्वाजा अकीदत के साथ मोजूद रहे। कुल की महफिल में दरगाह की प्रथम चोकी के कव्वालों द्वारा रंग और बधावे के अलावा फारसी व हिन्दी में सूफीमत के प्रर्वतकों द्वारा लिखे गऐ कलाम पेश किये। दोपहर 1.00 बजे मोरूसी फातेहाखां जुबैर अहमद व करीम अली द्वारा संदल और पान के बिड़ों पर फातेहा पढ़ी। 1.15 पर शाहजहानी नौबत खाने से शादियाने बजाकर कुल का ऐलान किया गया और तोपें दागी गई। पारम्परिक रस्म के तहत दरगाह कमेटी की और से मोरूसी अमले रकाबदार हुसैन खां ने दरगाह दीवान को खिलअत पहनाया और दस्तारबंदी की। महफिल खाने से दीवान सैय्यद ज़ैनुल आबेदीन अली खान अपने परिवार के साथ आस्ताने शरीफ में कुल की रस्म अदा करने गऐे उन्होने जन्नती दरवाजे से आस्ताना शरीफ में प्रवेश किया उनके दाखिल होने के बाद जन्नती दरवाजा बंद कर दिया गया। आस्ताने में कुल की रस्म हुई जिसमें फातेहा पढ़ी जाकर मुल्क में अमन चैन ओर खुशहाली की दुआ की गई। आस्ताने में दरगाह दीवान साहब की दस्तारबंदी की गई। कुल की रस्म सम्पन्न करके दीवान साहब आस्ताने से खानकाह शरीफ पहुंचे जहां कदीम रस्म के मुताबिक अमला शाहगिर्द पेशां मौरूसी अमले की दस्तारबंदी की। इस अवसर पर देशभर से आऐ कलंदरों (फकीर) दाग़ोल की रस्म अदा की जिनके सरगिरोह और खलिफाओं की दस्तारबंदी भी दीवान साहब द्वारा की गई।
दरगाह दीवान ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सहित खादिमों की संस्था अंजुमन के पदाधिकारियों को 802 वे उर्स की मुबारकबाद देते हुऐ गुस्ल शरीफ महफिल व अन्य मजहबी रसुमात के सफल आयोजन के लिये साकारात्मक सहयोग करने उर्स के आयोजन एवं जायरीनों के लिये बेहतर इन्तेजामात पर मुबारकबाद देते हुऐ धन्यवाद दिया।