बालकों के विकास के लिए संस्कार आवश्यक-अनिता भदेल

IMG_6958IMG_6963बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए संस्कारों का बहुत महत्व है। आज परिवार में संस्कार देने वाली माताओं का अभाव हो चला है। प्रत्येक माता पिता यह तो चाहते हैं कि उनकी संतान राम और कृष्ण जैसी हो किंतु माताएं कौशल्या या यशोदा नहीं बनना चाहतीं। नरेन्द्र को स्वामी विवेकानन्द बनाने वाली उनकी माता ही थीं। उक्त विचार विधायक अनिता भदेल ने विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर द्वारा आयोजित आवासीय बाल संस्कार शिविर के समापन के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज का समाज पहले से अधिक साक्षर हो गया है किंतु शिक्षित नहीं हो पाया है। आज समाज में अनेक विकृतियाँ उत्पन्न हो गई हैं जिनके कारण बाल मन पर कुसंस्कारों का प्रभाव आज प्रत्यक्ष देखने को मिलता है। इन कुसंस्कारों के चलते आज दसवीं कक्षा का विद्यार्थी भी डिप्रेशन और तनाव का शिकार हो गया है। एकल परिवारों के कारण बालक भी एकाकी जीवन जीने को मजबूर हो गया है। किंतु इस समस्या का समाधान हमारे पास ही है। हम बालकों को किस्से, कहानियों और प्रेरक महापुरूषों की जीवनियों के माध्यम से अच्छे संस्कार दे सकते है।
यह पांच दिवसीय शिविर शहीद अविनाश माहेश्वरी विद्यालय भगवान गंज में 17 मई से 21 मई तक आयोजित किया गया। इस शिविर में 46 बालक और बालिकाओं ने सहभागिता की। इस शिविर में बच्चों को प्रातःस्मरण, श्रम संस्कार, गीता पठन, योग, स्वाध्याय, मंथन, प्रस्तुतिकरण, भजन, परिचर्चा, खेल, सूर्यनमस्कार, योग, नियुद्ध तथा प्रेरणा से पुनरुत्थान जैसे विषयों को लेते हुए अभ्यास कराए गए। शिविर के समापन के अवसर पर विभिन्न बालकों ने अपने इन अभ्यासों का प्रदर्शन भी किया। शिविर के समापन पर विवेकानन्द केन्द्र राजस्थान के सहसंचालक शिवराज शर्मा, कैलाश नाथ शर्मा, राजस्थान सह प्रान्त प्रमुख उमेश कुमार चौरसिया, डॉ0 स्वतन्त्र शर्मा, रचना जानी एवं शाम्भवी भी उपस्थित थे। समापन पर धन्यवाद ज्ञापन कुसुम गौतम ने किया तथा शिविर प्रमुख अंजू गोयल थीं।
कुसुम गौतम
नगर प्रमुख
संपर्क-9460527665

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