अजमेर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने भीषण गर्मी व तेज गर्म हवाओं के मौसम में नागरिकों से मौसमी बीमारियों से बचकर रहने का आग्रह किया है। इस मौसम में स्वाइन फ्लू एवं लू, तापघात से बीमार होने की आशंका रहती है।
राजकीय जवाहर लाल नेहरू आर्युविज्ञान महाविद्यालय एवं सामूहिक चिकित्सालय संघ के प्रधानाचार्य एवं नियंत्राक डॉ. अशोक चौधरी ने बताया कि गर्मी के मौसम में स्वाईन फ्लू फैलने एवं लू तापघात से पीड़ित होने की आशंका बनी रहती है।
डॉ. चौधरी ने बताया कि स्वाईन फ्लू वायरस से फैलने वाला संक्रामक रोग हैं संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने से भी इसके वायरस हवा में आ जाते हैं। बुखार, खांसी, बार बार छींक आना, जुखाम रहना, गले में दर्द, सिर दर्द, शरीर टूटना, थकान रहना, सर्दी महसूस होना एवं उल्टी, दस्त होना इस रोग के प्रमुख लक्षण है।
स्वाईन फ्लू रोग से बचाव के लिए खांसते या छींकते समय साफ रूमाल या टीशू पेपर का उपयोग करें। हाथों को साबुन पानी से बार बार धोएं तथा आंख, नांक या मुंह छूने के बाद अपने हाथ अवश्य धोएं। किसी व्यक्ति में रोग के लक्षण दिखाई दें तो उससे दूरी बना लें। इधर उधर नहीं थूके, भीड़भाड़ वाले स्थानों में न जाएं, खूब पानी पीएं एवं पोषक भोजन करें। छात्रा छात्राओं में रोग के लक्षण दिखाई देने पर उन्हें स्कूल नहीं भेजे तथा चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवाई न लें। उन्होंने बताया कि इस रोग का पूर्ण उपचार संभव है।
डॉ. चौधरी ने बताया कि गर्मी के दिनों में भीषण गर्मी तथा तेज गर्म हवाओं के कारण लू लग सकती है। चेहरा लाल हो जाना, पसीना नहीं आना, बुखार 104 से 107 डिग्री तक होना, कमजोरी व चक्कर आना, त्वचा में खुश्की तथा सांस लेने में कठिनाई आदि लू लगने के लक्षण हैं। लू से पीड़ित होने पर रोगी को हवादार व ठण्डे स्थान पर छाया में लेटाए, रोगी के कपड़ों को ढीला कर दें, हल्की मालिश करें, ठण्डे पानी की पट्टियां लगाएं, ठण्डे पेय पदार्थ नमक व नीम्बू पानी का उपयोग कराएं तथा तत्काल चिकित्सक का परामर्श लें।
उन्होंने बताया कि लू से बचाव के लिए तेज धूप में बाहर नहीं निकले, छाता लेकर निकले, हल्के सूती कपडे़ पहने, भूखे पेट न रहें तथा पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।