मानव अधिकारों के सरंक्षण में जनसेवकों की भूमिका अहम

मानव अधिकारों के सरंक्षण के संबंध में अधिकारियों को दी जानकारी
IMG-20140627-WA0001अजमेर। राज्य मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष श्री एच.आर.कुडी ने कहा कि आमजन की फरियाद को संवेदनशीलता से सुनकर उसकी समस्या का निस्तारण नियमानुसार कर जनसेवक मानव अधिकारों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा सकते है।
श्री कुडी आज किशनगढ उपखंड अधिकारी कार्यालय में आयोजित मानव अधिकारों से संबंधित बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में लगे जनता के सेवक यदि आमजन के हितों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करेंगे तो मानव अधिकारों के संरक्षण में महत्वपूर्ण सफलता हासिल होंगी। सरकारी अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ व्यवहार कुशल होकर उनके समक्ष आने वाले पीडितों की समस्याओं के निस्तारण हेतु समग्र प्रयास करने चाहिए। यदि पीडित को सुनने के स्थान पर डांट-फटकार कर भेज दिया जाए तो यह मानव अधिकारों का हनन है।
श्री कुडी ने कहा कि मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता है, वर्तमान दौर में अधिकारी व कर्मचारी भी मानव अधिकारों से अनभिज्ञ है, ऐसे में गरीब के मानव अधिकारों का हनन संभव है। अतः यह आवश्यक है कि आमजन को मानव अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए। श्री कुडी ने कहा कि लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गांवों में रहने वाले गरीब अथवा आखिरी पंक्ति में खडे व्यक्ति के मानव अधिकारों की रक्षा की जा सके। यह तभी संभव है जब सरकारी सेवाओं में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन सक्षम अधिकारी मानव अधिकारों के प्रति सजग होकर कार्य करे।
श्री कुडी ने बताया कि व्यक्ति के मानव अधिकारों का महत्व जन्म से लेकर मृत्यु के पश्चात तक होता है क्योंकि मृत व्यक्ति की देह का भी सम्मानीय स्थान है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की समस्त योजनाएं मानव अधिकारों से संबधित है। एक लोक कल्याणकारी राज्य का दायित्व बनता है कि वह अपने नागरिकों के अधिकारों व सर्वांगीण विकास हेतु सजग रहे। श्री कुडी ने जनसेवकों द्वारा अपनी सेवा कार्य के प्रति समपर्ण में कमी पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि गांवों में सरकारी डाक्टर, शिक्षक, पटवारी व अन्य कार्मिक रूकना नहीं चाहते है। वे अपने सेवा क्षेत्रा में सिर्फ खानापूर्ति के लिए मौजूद रहते है, जिससे आमजन को कई परेशानियों का सामना करना पडता है। इस अवसर पर उन्होंने ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के. के. सोनी से किशनगढ मार्बल अस्पताल में मरीजों को नेत्रा संक्रमण की घटना की विस्तृत जानकारी ली। जिस पर डॉ. सोनी ने बताया कि मरीजों को हुए इन्फेक्शन के संबंध में लेबोरेट्री से रिपोर्ट आना शेष है, रिपोर्ट आने के पश्चात् नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री कुडी ने कहा कि पुलिस को थाने में फरियाद लेकर आने वाले पीडित की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी नहीं करना चाहिए, इससे लोगों में असंतोष व्याप्त होता है एवं ये उनके अधिकारों का हनन भी है। जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री शिव भगवान गोदारा ने सहमति जताते हुए पीडितों के प्रति पुलिस द्वारा संवेदनशीलता से व्यवहार की बात कही।
इससे पूर्व राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री कुडी के उपखंड कार्यालय पहुंचने पर उपखंड अधिकारी श्री सुखराम खोखर ने स्वागत किया। बैठक में उपखंड स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

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