चंपालाल महाराज के सान्निध्य में निकाली सकीर्तन यात्रा

a1अजमेर। परम श्रद्वेय गोवत्स श्री राधाकृष्ण जी महाराज की सद्प्रेरणा एवं सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी षिवज्योतिषानन्दजी महाराज के पावन सानिध्य में गत् चार वर्ष से अनवरत चल रही प्रभात फेरी दिनांक 06 जुलाई 2014 रविवार को प्रभात फेरी सन्यास आश्रम अजमेर से सान्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी षिवज्योतिषानन्दजी महाराज एवं राजगढ़ भैरवधाम के मुख्य उपासक चम्पालालजी महाराज के पावन सानिध्य में बसो के माध्यम से राजगढ़ स्थित प्राचीन भैरव मंदिर पहुंची। जहां हजारों की तादाद में भक्त समुदाय के साथ राजगढ़ भैरवधाम में संकर्तीन यात्रा निकाली गई। अन्त में राजगढ़ स्थित मुख्य भैरव मंदिर में प्रभात फेरी परिवार, सन्यास आश्रम के बालक, एवं हजारों भक्त समुदाय ने संकर्तीन किया। इस अवसर पर राजगढ़ भैरवधाम के मुख्य उपासक श्रद्वेय चंपालाल जी महाराज ने सभी का स्वागत करते हुए अपने आर्षिवचन में कहा कि ‘‘ दीनदुखी की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है, परिवार एवं पड़ोस में आभाव में हो तो मंदिर में भगवान प्रसादी एवं भेंट स्वीकार नहीं कर सकतें। व्यक्ति का पहला कर्तव्य परिवार के प्रति दूसरा पड़ोस एवं समाज के प्रति एव तीसरा राष्ट्र के प्रति बनता है। यह सब व्यवस्थित हो तब ही बाकी की सेवा का फल मिलता है। महाराज ने यथाषक्ति गौ सेवा, दीनदुखी की सेवा और मात-पिता की सेवा को ही साक्षत भगवान की सेवा बताया है। उन्होनें विषेष रूप से नषा मुक्ति पर समाज का ध्यान केन्द्रित कराते हुए कहा कि नषा अभिषाप है इससे किसी का भला नहीं हो सकता। अतः व्यक्ति को समस्त व्यसनों से अतिषीघ्र छुटकारा ले लेना चाहिये। जिसके लिये राजगढ़ भैरवधाम के द्वार सदा खुले हैं। जिसको भी नषा छोड़नें में असुविधा हो वो भैरवधाम से सम्पर्क कर सहायता ले सकता है।
इस अवसर पर सन्यास आश्रम के स्वामी षिवज्योतिषानन्दजी महाराज ने कहा कि ‘‘ सुख के क्षणों में इतने गाफिल नहीं होना कि दूसरे के दुःख को न समझ पायें और दुःख के क्षणों में इतना ज्यादा निराष नहीं होना कि फिर जीवन में सुख की आषा ही समाप्त हो जाये। इतना यदि हम सीख लेवें तो ये सुख और दुःख, धूप-छाँव की तरह आयेगें और निकल जायेगे।’’ महाराज ने कहा कि राजगढ़ भैरव धाम आने मेरा यह दूसरा अवसर है, यहां पर मैंने व्यक्तिगत रूप से आभास किया है कि महाराज एवं भैरवधाम समिति द्वारा वास्तव में पीड़ित मानवता की सच्ची सेवा की जाती है। और जो भी भक्त यहां पर आते हैं आनंिदत एवं सुख की अनुभूति लेकर ही जाते हैं।
आज प्रभात फेरी में राजगढ़ भैरव धाम की तरफ से सन्यास आश्रम के स्वामी षिवज्योतिषानन्दजी,सर्वश्री उमेष गर्ग का शॉल एवं पुष्पाहार से समाज की उत्कृष्ट सेवा में लिये सत्कार किया गया। इस अवसर पर श्री रामरतनजी छापरवाल, अषोक अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, बेणीगोपाल, ब्रिजेष मिश्रा, रमेष मिततल, किषनचन्द बंसल, षिवषंकर फतेहपुरिया, ओमप्रकाष मंगल सहित हजारों की तादात में भक्त समुदाय उपस्थित थे।
(उमेष गर्ग)
प्रवक्ता
मो. 9829793705

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