इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर में अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस
सिग्नल प्रोपेगेशन एण्ड कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी पर चर्चा करने जुटे विशेषज्ञ
अजमेर। पुष्कर विधायक श्री सुरेश रावत ने कहा कि तकनीकी विकास से ही देश की मजबूती संभव है। राजस्थान में भी मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का तकनीकी विकास पर विशेष फोकस है। हमें तकनीक को समाज के उत्थान एवं तरक्की के लिए ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाना होगा।
विधायक श्री रावत शनिवार से होटल मेरवाडा स्टेट में शुरू हुई इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर की अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। कांफ्रेंस का विषय ”सिग्नल प्रोपेगेशन एण्ड कम्प्यूटर टेक्नोलॉजीÓÓ रखा गया है। श्री रावत ने कहा कि भारत में सिग्नल टेक्नोलॉजी का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा है। महाभारत में भी इसी तरह के प्रसंग सामने आते है जब सिग्नल टेक्नोलॉजी का उपयोग माना जा सकता है।
विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे प्रदेश में तकनीकी विकास को लेकर गम्भीरता से प्रयास कर रही है। इस तरह की तकनीक के विकास के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर के विकास के लिए भी मदद उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया। श्री रावत ने कहा कि आज गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुरू हुई यह कांफ्रेंस निश्चित रूप से विषय विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों के लिए ज्ञान को बढ़ाने वाली साबित होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. वाई.सी. भट्ट ने कहा कि हम अपने ज्ञान को बांटे, सृजन करें एवं ग्रहण करें। सिग्नल और कम्प्यूटर साइंस की तकनीक आज के युग में सर्वाधिक महत्वूर्ण तकनीक है। इस क्षेत्र में और अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। सिग्नल को रिसीव करना, ट्रांसलेट करना एवं निष्कर्ष निकालना इस तकनीक का अंग है। हमें इस अवसर का पूरा उपयोग करना चाहिए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बी.एस.एन.एल. के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री एच.एस. शर्मा ने कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। जैसे जैसे हमारी आवश्यकता बदल रही है हम अपने आपको तकनीकी रूप से उन्नत करते जा रहे है और बदलते जा रहे है। एक जमाना था जब टेलीफोन करने के लिए पूरा दिन इंतजार करना पड़ता था। बाद में ओ.एफ.सी. तकनीक आई, एस.टी.डी. शुरू हुई और उसके पश्चात टेलीफोन मोबाईल फोन में बदल गया। यह क्रम तकनीकी विकास को दर्शाता है। इंटरनेट में भी पहले टूजी, फिर थ्री जी, और अब फोर जी तकनीक आ रही है।
कार्यक्रम को प्रमुख वक्ता एम.एन.आई.टी. के एमेरिटस प्रो. वी. सिन्हा एवं आई.आई.टी. दिल्ली के प्रो. रंजन बोस ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जिज्ञासु बने और सवाल करें। अजमेर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एम.एम. शर्मा ने कांफ्रेंस की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ”सिग्नल प्रोपेगेशन एवं कम्प्यूटर टेक्नोलोजीÓÓ विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में शिक्षाविद एवं शोधार्थी नवीनतम टेक्नोलोजी जैसे नेनो टेक्नोलोजी, वीडियो प्रोसेसिंग, सिग्नल प्रोपेगेशन, सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, राडार, आर्टिफिशल, इंटेलीजेंस जैसे विषयों पर पत्र वाचन करेंगे तथा विश्व में उपरोक्त विषयों पर हो रहे नवीन प्रयोग एवं शोध पर विचार विमर्श करेंगे। कांफ्रेंस के लिए करीब 650 शोध पत्र मिले थे जिनमें से 155 का चयन किया गया है।
इससे पूर्व विधायक श्री रावत सहित सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कांफ्रेंस का शुभारम्भ किया एवं कांफ्रेंस की स्मारिका का विमोचन किया गया।
तकनीकी सत्रों में हुई चर्चा
अजमेर। इंजीरियरिंग कॉलेज अजमेर की अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के तहत शनिवार को कई तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए। पहले तकनीकी सत्र में एन्टीना थ्योरी एवं तकनीक, सिग्नल प्रोसेसिंग, वायरलेस सेंसर नेटवर्क एवं वी.एल.एस.आई. तकनीक पर चर्चा की गई। इसी तरह दूसरे तकनीकी सत्र में ईमेज एण्ड मल्टीडायमेंशनल सिग्नल प्रोसेसिंग, एंटीनल थ्योरी एण्ड टेक्निकल, इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी एवं कम्यूनिकेशन नेटवर्किंग एण्ड ब्राडकास्ट टेक्नोलॉजिस विषयों पर चर्चा की गई। अंतिम तकनीकी सत्र में ऑप्टिकल फाइबर कम्यूनिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑब्जेक्ट बेस्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एवं एंटीनल थ्योरी एण्ड टेक्निक पर विषय विशेषज्ञों एवं संभागियों ने चर्चा की।