अजमेर / अखिल भारतीय साहित्य परिषद् एवं ग्लोबल सिनर्जी समिति के संयुक्त तत्वावधान में आज (12 जुलाई, शनिवार) को शास्त्री नगर सामुदायिक भवन में आयोजित डॉ. फतहसिंह जन्मशती समारोह एवं गुरूपूर्णिमा उत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत की पहल पर वहां एकत्र देशभर के विद्वजनों ने यह संकल्प लिया कि वेद महर्षि डॉ. फतहसिंह की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए वेद विचार विश्वकोष का प्रकाशन किया जाएगा। इस विश्वकोष को तैयार करने के लिए वेदविज्ञ डॉ. बद्रीप्रसाद पंचोली एवं संस्कृत अकादमी की निदेशक डॉ. रेणुका को संयोजक मनोनीत किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए लखावत ने कहा कि साहित्य मनीषी डॉ. फतहसिंह के बहुउपयोगी व जनप्रेरक साहित्य को आज नयी पीढ़ी तक ले जाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यूएसए के फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. चमनलाल रैना ने कहा कि गुरू-शिष्य परम्परा और गुरू के प्रति आदर विश्व को भारतीय संस्कृति की ही देन है। विशिष्ट अतिथि ग्लोबल सिनर्जी समिति की अध्यक्षा डॉ. श्रद्धा चौहान ने वेद संदेशों में उल्लेखानुसार हमें बच्चों को श्रमवान, सत्यवान और संस्कारवान बनाने की ओर चिन्तन करना चाहिये। संयोजक डॉ. बद्रीप्रसाद पंचोली ने साहित्य पुरोधा डॉ. फतहसिंह के अनेक प्रेरक जीवन संस्मरणों को बताया। अखिलभारतीय साहित्य परिषद् के जिला संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने आभार अभिव्यक्त किया। संचालन इन्दु वर्मा ने किया।
स्मारिका का विमोचनः- इस अवसर पर डॉ. फतहसिंह के मूल्यवान आलेखों और उनकी व्याख्याओं को समाहित करते हुए प्रकाशित की गई दो स्मारिकाओं ‘श्रुतिप्रवाह‘ एवं ‘श्रद्धांजलि अंक‘ का विमोचन अतिथियों ने किया। कार्यक्रम में संस्कृत अकादमी अध्यक्षा डॉ. रेणुका राठौड, डॉ भंवरलाल जोशी, डॉ.श्वेताश्वसिंह, डॉ. निरंजन साहू, डॉ नवलकिशोर उपाध्याय, सम्मानसिंह राठौड इत्यादि विद्वानों ने भी अपने विचार रखे।
-उमेश कुमार चौरसिया
जिला संयोजक
अखिल भारतीय साहित्य परिषद्,अजमेर जिला
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