जलग्रहण क्षेत्रा में कन्वर्जेंस एवं त्रिस्तरीय मॉनिटरिंग सिस्टम पर कार्यशाला आयोजित
अजमेर। जिला प्रमुख श्रीमती सीमा माहेश्वरी ने कहा कि जलग्रहण एवं इससे जुड़े विभिन्न विभागों की योजनाओं का समुचित लाभ ग्रामीणों को मिलना चाहिए। विभिन्न विभाग समन्वय स्थापित कर कार्य करंे तो सरकारी योजनाओं के जरिए ग्रामीणों का जीवन स्तर उपर उठाया जा सकता है।
जिला प्रमुख श्रीमती माहेश्वरी सोमवार को जवाहर रंगमंच पर आयोजित जलग्रहण क्षेत्रा में कन्वर्जेंस एवं त्रिस्तरीय मॉनिटरिंग सिस्टम पर कार्यशाला को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग संवेदनशील होकर कार्य करें। सरकार का लक्ष्य ग्रामीणों का जीवन स्तर उपर उठाना तथा ग्रामीण क्षेत्रा से जुड़े विभिन्न व्यवसायों की उत्पादकता बढ़ाना है। जलग्रहण, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग एवं उद्यानिकी विभागों सहित कई महकमे ऐसे है जो मिलकर समपर्ण की भावना से कार्य करें तो ग्रामीणों को लाभान्वित किया जा सकता है।
जिला प्रमुख श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि गांव में ग्रामीणों को सही समय पर सरकारी लाभ मिलें और उनके व्यवसायों की उत्पादकता में वृद्धि हों तो धीरे-धीरे उनकी सरकार पर निर्भरता में कमी आएगी। उन्होंने सरकारी विभागों का आव्हान किया कि मनरेगा, वॉटर शेड, पशुपालन आदि विभाग गांव एवं ग्रामीण की उन्नति को ध्यान में रखकर कार्य करें।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए वॉटर शेड सेल कम डाटा सेन्टर के परियोजना प्रबंधक श्री शरद गेमावत ने कहा कि जलग्रहण क्षेत्रा में विभिन्न कार्यों के जरिए गांवों का समुचित विकास किया जा सकता है। कुछ सालों पहले बढ़ती आबादी और गिरता उत्पादन एक राष्ट्रीय समस्या बनता जा रहा था अब इस पर काबू करने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे है। गांव में जलग्रहण क्षेत्रों की स्वीकृति भी इनमें से एक प्रयास है। जलग्रहण क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्य करवाएं जाते है।
श्री गेमावत ने बताया कि आगामी कुछ सालों में इन जलग्रहण क्षेत्रों में कराएं जा रहे कार्यों के शानदार परिणाम सामने आएंगे। चारागाह विकास, एनीकट निर्माण, खड़ीन निर्माण, नाड़ी निर्माण, गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना, पशुपालन विकास, कृषि विकास एवं उद्यानिकी विकास सहित ग्रामीणों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित एवं प्रशिक्षित करवाया जा रहा है। इस क्षेत्रा में और अधिक तेजी से कार्य करना होगा। उन्होंने विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गुलाबचन्द जिन्दल ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादन में राजस्थान फिलहाल देश में दूसरे नम्बर पर हैं। हम सब मिलकर प्रयास करें तो इस क्षेत्रा में हम अव्वल हो सकते है।
डॉ. जिन्दल ने कहा कि राज्य सरकार गौ संरक्षण एवं संर्वधन के प्रति गम्भीर है। विभिन्न योजनाओं के जरिए पशुओं तथा पशुपालकों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। राजस्थान में गायों की गीर, भैंस की मुर्रा एवं बकरी की सिरोही एवं जमनापरी नस्लों को उन्नत बनाने के लिए विशेष प्रयत्न किए गए है। इसके शानदार परिणाम भी सामने आएं है। पिछले कुछ सालों में राजस्थानी पशुओं की नस्ल की मांग बढ़ी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं तथा उनके लाभान्वितों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एम.पी. शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, ग्रामीण जनप्रतिनिधि, आदि उपस्थित थे।
