-सुमित सारस्वत– ब्यावर। शहर में आयोजित भामाशाह शिविर में गुरुवार को पार्षदों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच विवाद हो गया। भाजपा से निलंबित पार्षद कुछ कांग्रेस पार्षदों के साथ शिविर में पहुंचे। यहां नगर परिषद आयुक्त शशिकांत शर्मा की कार्यशैली को आड़े हाथों लेते हुए मनमानी करने का आरोप लगाया। पार्षदों ने आयुक्त पर सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाने और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया। पार्षदों के स्वर तेज होने लगे तो पास बैठे उपखण्ड अधिकारी भगवती कलाल ने नाराजगी जाहिर की और पार्षदों से समझाइश का प्रयास किया। एसडीओ का कहना था कि यह शिविर आमजन के लिए आयोजित किया गया है। हंगामा करने से राजकार्य प्रभावित हो रहा है। जनप्रतिनिधि अन्य कामकाज के लिए दफ्तर में आकर मिलें। एसडीएम की यह बात सुनकर पार्षद आक्रोशित हो गए। पार्षदों ने आरोप लगाया कि अधिकारी दफ्तर में मिलते नहीं है। तलाश करते हुए यहां तक आए हैं। कई बार चक्कर काटने के बावजूद उनके काम नहीं हो रहे हैं। इस विवाद को लेकर पार्षद दोनों अधिकारियों से उलझने लगे। इस पर एसडीओ ने पुलिस को मौके पर बुलावाया। पुलिस को इत्तला देते ही अपनी बात लेकर पहुंचे पार्षद वहां से चुपचाप चले गए। प्रशासन ने पार्षदों के खिलाफ राजकार्य में बाधा बनने का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत देकर कार्यवाही करने की बात कही है। पार्षद दल में ज्ञानदेव झंवर, दलपत मेवाड़ा, दीपसिंह काठात, शांतिलाल सिंगारिया, संपति बोहरा, मूमा पोपावत, रमेश दगदी, नटवर अरोड़ा, नोरत प्रजापति शामिल थे।