20 करोड़ रूपये खर्च होंगे
अजमेर। अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि डेयरी की जिले में स्थित सभी दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का आगामी 2 वर्ष में आधुनिकीकरण एवं कम्प्यूटराईजेशन किया जाएगा। इस पर 20 करोड़ रूपये खर्च होंगे। श्री चौधरी ने बताया कि नेशनल डेयरी प्लान के तहत दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का आधुनिकीकरण करने का कार्य शीघ्र प्रारम्भ होगा। जिले में डेयरी की 700 समितियां स्थापित है, इनमें से 300 से अधिक का कम्प्यूटराईजेशन किया जा चुका है। 100 समितियों में दूध को समिति के मुख्यालय जहां ग्रामीण क्षेत्र में दूध एकत्रित होता है, पर ठण्डा रखने के लिए बल्क मिल्क कूलर लगाएं जाऐंगे। 200 समितियों पर ओटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट लगाई जाएगी तथा 200 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों पर लेक्टोस्केल लगाएं जाएंगे, जिससे दूध की फेट आदि नापी जा सकेगी।
अजमेर डेयरी अध्यक्ष ने बताया कि अजमेर डेयरी द्वारा प्राईवेट दूध का संकलन नहीं किया जाएगा। समितियों पर डेयरी के पंजीकृत दुग्ध उत्पादकों का ही दूध लिया जाएगा। यदि किसी समिति व दूध संकलन केन्द्र पर प्राईवेट दूध का संकलन किया गया पाया जाता है तो उसका भुगतान देय नहीं होगा और इसकी समस्त जिम्मेदारी सचिव की होगी।
श्री चौधरी ने यह भी जानकारी दी कि अजमेर डेयरी द्वारा दुग्ध उत्पादक जानवरों के रख-रखाव के लिए राशन बेलेंसिंग प्रोजेक्ट प्रारम्भ किया जा रहा है जिस पर ढाई करोड रूपये खर्च होंगे। इसके तहत अजमेर डेयरी 200 गांवों में अपने कार्यकर्ता रखेगी, जो दुग्ध उत्पादक पशुओं संबंधी पूरी जानकारी एकत्रित करेंगे जिनका कम्प्यूटर में डेटा तैयार होगा। इसके आधार पर दुग्ध उत्पादकों व पशुपालकों को अपने पशुओं को स्वस्थ रखने के बारे में समय-समय पर जानकारी दी जाएगी और ये भी बताया जाएगा कि किस समय कौनसा आहार व दवा जानवर को दी जाएं, कि उसका दुग्ध उत्पादन बढ़ जाएं।