जनवरी 2015 तक स्मार्ट सिटी विजन प्लान बनाएं

अजमेर एक विशेष शहर है जिसमें कई तरह की विशेषताएं
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अजमेर स्मार्ट सिटी विजन डॉक्यूमेंट के लिए बैठक ली
PROAJMER Dt. 10.12.2014अजमेर। अतिरिक्त मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवासन विभाग श्री ए.के जैन ने अजमेर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए विजन डॉक्यूमेंट बनाने हेतु सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और कहां कि अजमेर एक विशेष शहर है, जो स्मार्ट सिटी बनने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है। उन्होंने आगामी जनवरी 2015 तक ”स्मार्ट सिटी विजन प्लानÓÓ बनाने को कहा और इसका कार्य 2016 तक पूरा करने की आवयकता जताई।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए चलाएं जाने वाले कार्य और अभियान की कोई सीमा नहीं है यह एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, परन्तु प्रारम्भिक कार्य को 2016 तक पूरा करना होगा। उन्होंने इसके लिए अजमेर विकास प्राधिकरण को नोडल ऐजन्सी बनाकर तत्काल कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री जैन आज अजमेर संभागीय आयुक्त कार्यालय में स्मार्ट सिटी विजन डॉक्यूमेंट के लिए आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए आवश्यक सभी बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। श्री जैन ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए चार प्रमुख क्षेत्रों में कार्य करके आधारभूत सुविधाओं को विकसित करना होगा, जिनमें (1) फीजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर (2) सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर (3) इन्सट्ीयूशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर (4) सर्विसेज इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी करना है। इन सभी क्षेत्रों के आधारभूत ढ़ाचों में तभी विस्तार होगा जब हर स्तर पर सामूहिक प्रयास प्रारम्भ होंगे और अजमेर में ये प्रयास तत्काल प्रारम्भ कर देने चाहिए। उन्होंने किशनगढ और पुष्कर को भी इसमें सम्मिलित करते हुए विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने को कहा क्योंकि यह दोनों शहर अजमेर विकास प्राधिकरण की सीमा में हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि स्मार्ट विजन डॉक्यूमेंट में फीजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत सडक, यातायात, बाईपास, रेलवे, सार्वजनिक निर्माण विभाग, हवाई अड्डा से जुड़ी सभी सुविधाओं का ऐसा विस्तार हो कि यहां आने वाले नागरिक पर्यटक और श्रद्घालुओं को पूरी तरह से सुविधा मिल सके। यह शहर अतिक्रमण मुक्त होना चाहिए, इसको ध्यान में रखकर समन्वित प्रयास करने होंगे। सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन आदि क्षेत्रों की आधारभूत सुविधाओं का इस तरह से विस्तार करना होगा कि यहां के नागरिकों के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोगों को आसानी से शिक्षा, चिकित्सा की सेवाएं सुलभ हो सके। पर्यटन क्षेत्रों को ओर विकसित कर अधिक आकर्षक बनाएं जाएं। इन्सट्ीयूशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत बैंक सहित विभिन्न विभागों की शाखाओं व कार्यालयों में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार हो और यहां दी जाने वाले सुविधाएं आम लोगों के लिए पर्याप्त रहें। सर्विसेस इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत आम लोगों को सभी प्रकार की सुविधाएं व स्वीकृतियां आसानी से उपलब्ध हो जाएं, जिनकी वे मांग करते हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम से जुड़े कार्याें की स्वीकृति चाहने वाले नागरिकों को आसानी से प्राप्त हो, पुलिस से मांगी जाने वाली स्वीकृति नियमों के तहत तत्काल मिलनी चाहिए। इसी प्रकार अन्य संबंधित विभाग भी अपने कार्य एवं सुविधाओं का इस प्रकार विस्तार करें कि आम व्यक्ति को समय पर उसका लाभ मिल सके। रेलवे, बीएसएनएल सहित अन्य विभागों को भी इसमें जोड़ा जाना होगा। घर बैठे इन्टरनेट पर व्यक्ति को सुविधा व जानकारी उपलब्ध होती है तो वे स्मार्ट सिटी के लिए सबसे उपर्युक्त मापदंड होगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि वाहनों की पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों का चयन कर भूमिगत एवं अन्य तरीके से पार्किंग स्थल विकसित करने होंगे। जगह-जगह पर सड़कों पर दुकान व ठेले लगाने वालों को हटाना ही पडेगा, उनके लिए अलग से बाजार निर्धारित किए जाने चाहिए। नागरिकों को 24 घंटे पीने का पानी, अच्छे किस्म की बिजली मिले, धरों से कचरा उठाने का कार्यक्रम तत्काल प्रारम्भ हो, सीवरेज लाईन से धरों को तत्काल जोड़ा जाना चाहिए और यदि इन सुविधाओं में अभी कमी है तो इनका विकास सुनियोजित तरीके से करना ही होगा। शहर में खड़े बिजली के खम्भे हटाकर भूमिगत लाईन डले, तो सड़कों पर यातयात की व्यवस्था सुगम होगी। नगर निगम की अग्निशमन सेवाओं, चिकित्सा विभाग की निर्धारित स्थलों पर डिस्पेन्सरी, आवश्यकतानुसार बैंक की शाखाएं और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए सभी प्रकार के आधुनिक इंतजाम करते हुए पर्याप्त स्थलों पर सीसी टीवी कैमरे लगाने होंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्मार्ट सिटी विजन डॉक्यूमेंट बनाते समय शहर की धरोहर संरक्षण और पर्यावरण के साथ छेडछाड़ किए बिना जन भागीदारी के साथ कार्य करना होगा। प्रत्येक नागरिक की भागीदारी होने पर ही इस क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। पीपीपी मॉडल से कार्य कराने की मंशा को ध्यान में रखना होगा।
उन्होंने बताया कि अजमेर विशेष शहर है, जो ऐतिहासिक, पर्यटन, धार्मिक शहर होने के साथ-साथ सभी प्रकार की संस्कृतियों के संगम की स्थली है जो अन्य शहरों में देखने को नहीं मिलती। इसी को आधार मानकर अजमेर को हेरीटेज सिटी और स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने में अमेरिकन सरकार भी सहयोग करेगी लेकिन हमें अपने प्रयास और कार्य अभी से ही प्रारम्भ करने होंगे। वित्तीय प्रबन्ध पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि सभी विभागों के पास अपने संसाधन व बजट की राशि है। अतिरिक्त राशि के लिए सरकार को प्रस्ताव भेंजे जाएंगे। नगर निगम व अजमेर विकास प्राधिकरण, पुष्कर नगरपालिका, नगर परिषद किशनगढ़ को भी अपने संसाधनों को विकसित कर आय में वृद्घि करनी होगी। संभागीय आयुक्त स्तर पर एक कमेटी बनाएं जाकर तकनीकी कार्याें को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस कमेटी की निर्धारित अवधि पर लगातार बैठकें होगी। आम लोगों को भी शिक्षित व जागृत करना होगा। अजमेर में कई ऐसे प्राचीन स्थल व स्मारक है जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। रेलवे स्टेशन के भार को कम करने पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय स्तर के मुददों व समस्याओं को टास्कफोर्स के माध्यम से निस्तारित करना होगा।
संभागीय आयुक्त डॉ. धर्मेन्द्र भटनागर ने अजमेर स्मार्ट व हेरीटेज सिटी के लिए अब तक की गई प्रारम्भिक चर्चाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर शहर में एक हजार से अधिक विभिन्न विभागों की ईकाईयों में शहर में अपने क्षेत्र को साफ सुथरा रखने का बीडा उठाने को कहा है। उन्होंने विभिन्न स्तरों पर हुई चर्चा की जानकारी भी दी।
जिला कलक्टर डॉ. आरूषि ए. मलिक ने कहा कि अजमेर के आनासागर व फॉयसागर की पाल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। अजमेर-पुष्कर मार्ग में आने वाली घाटी में सुरंग बनाने तथा इंडिया मोटर्स तिराहे से राजा साईकिल तक ऐलीवेटेड रोड़ बनाने तथा विभिन्न स्थानों पर भूमिगत पार्किंग करने से अजमेर के पर्यटन को तेजी से विकास मिलेगा और शहर हेरीटेज व स्मार्ट सिटी के रूप में भी विकसित होगा।
पुलिस महा निरीक्षक श्री अमृत क्लश ने भी विभिन्न महत्वपूर्ण सुझाव अतिरिक्त मुख्य सचिव का ेदिए।
पुलिस अधीक्षक श्री महेन्द्र सिंह ने स्मार्ट पुलिसिंग तथा स्मार्ट सिटी में पुलिस की व्यवस्था के संबंध में किए जाने वाले कार्याें के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
अजमेर नगर निगम के महापौर श्री कमल बाकोलिया ने कहा कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सर्वप्रथम यहां की समस्याओं का चिन्हीकरण कर उनका व्यवहारिक समाधान निकालना होगा। शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए हर स्तर पर कड़े प्रयास और कदम उठाने होंगे। अजमेर शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने हेतु प्रमुख स्थानों पर आर.ओ.बी. बनाया जाना जरूरी है और इसके लिए रेलवे से चर्चा करना महत्वपूर्ण है। अजमेर शहर में इकाफ्रेंडिली ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित करने का भी इन्होंने सुझाव दिया। बैठक में राज्य के मुख्य नगर नियोजक श्री प्रवीण जैन ने अजमेर शहर के सुनियोजित विकास को लेकर विभिन्न प्रकार की अवधारणाएं बताई।
बैठक में नगर परिषद किशनगढ़ की सभापति श्रीमती गुणमाला पाटनी तथा पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष श्री कमल पाठक ने स्मार्ट सिटी विजन डॉक्यूमेंट में किशनगढ़ व पुष्कर को सम्मिलित करने का अनुरोध किया।
बैठक में नगरीय विकास विभाग के संयुक्त शासन सचिव श्री सी.एस. मूथा, उप शासन सचिव श्री राकेश शर्मा, अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त श्रीमती स्नेहलता पंवार, अजमेर नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी.आर. मीना, एवीवीएनएल के मुख्य अभियन्ता श्री बी.एस. रतनू, बीएसएनएल के महा प्रबंधक श्री हरी शंकर शर्मा ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिएं। बैठक में परिवहन विभाग के अपर आयुक्त श्री एस.के. नामा, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. प्रभुदयाल, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव श्री महेन्द्र प्रकाश शर्मा सहित सयुंक्त निदेशक चिकित्सा, जलदाय विभाग के मुख्य अभियन्ता तथा अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री रमेश सौंलकी आदि मौजूद थे।

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