संस्कृत शिक्षा को जनवाणी बनाए-प्रो. वासुदेव देवनानी

संस्कृत विद्यालय की छात्राओं को भी गार्गी पुरस्कार
शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी संस्कृत महाविद्यालय के सभागार मंे गार्गी पुरस्कार प्राप्त 	प्रतिभाशाली छात्राओं के साथ।
शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी संस्कृत महाविद्यालय के सभागार मंे गार्गी पुरस्कार प्राप्त प्रतिभाशाली छात्राओं के साथ।

 

शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी संस्कृत महाविद्यालय के सभागार मंे गार्गी पुरस्कार प्राप्त प्रतिभाशाली छात्रा को पुरस्कृत करते हुए।
शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी संस्कृत महाविद्यालय के सभागार मंे गार्गी पुरस्कार प्राप्त प्रतिभाशाली छात्रा को पुरस्कृत करते हुए।

अजमेर। शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारे संस्कारों की भाषा है,  इसे देववाणी भी कहा जाता है। लेकिन संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए सर्वांगीण प्रयासों की आवश्यकता है।

प्रो. देवनानी आज संस्कृत विद्यालय गंज के सभागार में अजमेर संभाग के संस्कृत विद्यालयों की छात्राओं को गार्गी पुरस्कार वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा के क्षेत्रा में कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे सामान्य शिक्षा की भांति यहां भी विद्यार्थियों की संख्या में ईजाफा हो। जिन छात्राओं ने संस्कृत शिक्षा के तहत गार्गी पुरस्कार प्राप्त किए है वे सभी संस्कृत को जनवाणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा, गणित विषय के समान ही है क्यांेकि इसमें गणित विषय के समान ही अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। अगर बालिकाएं संस्कृत की शिक्षा लेगी तो वे संस्कृत शिक्षा एवं संस्कारों का प्रसार दो परिवारों तक करेंगी।
संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी श्री निरंजन साहू ने अपने स्वागत उद्बोधन में बताया कि संभाग के अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक व नागौर के संस्कृत विद्यालयों की 26 छात्राओं को गार्गी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।  उन्होंने समस्त छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर पार्षद विजय खण्डेलवाल, महन्त श्री श्याम सुन्दर शरणदेवाचार्य सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद थे। अन्त में प्राचार्य राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय श्री लक्ष्मीनारायण भार्गव ने आभार प्रकट किया।
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