ब्यावर, 29 जनवरी। अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के संत रामप्रसाद महाराज ने कहा कि जिस देश में गायों की सेवा के लिए परमात्मा स्वयं गोपाल बनकर आए, आज उस देश में गायों की दुर्दशा निंदनीय है। महाराज ने व्यासपीठ से गौ मांस निर्यात पर रोक लगाने की मांग भी की। वे गुरुवार को बोहरा गार्डन में बीएम अग्रवाल परिवार की ओर से आयोजित शिव महापुराण कथा में प्रवचन दे रहे थे।
संतश्री ने कहा कि मनुष्य गाय को मां कहकर तो पुकार रहा है मगर गौ माता का पालन नहीं कर रहा है। पुरातन में पूजनीय गाय आज दयनीय हो गई है। गाय की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनना चाहिए। गाय की दुर्दशा के लिए आमजन को जिम्मेदार बताते हुए प्रत्येक घर से गौ ग्रास निकालने व गौशालाओं के लिए आर्थिक सहयोग देने की बात कही। संत ने कहा कि गाय की सेवा 33 करोड़ देवों की सेवा-पूजा का लाभ मिलता है। प्रत्येक मनुष्य पंचगव्य से बनी वस्तुओं का ही उपयोग करे। कथा में भगवान विष्णु व ब्रह्मा के संवाद का प्रसंग सुनाते हुए भगवान शिव का प्राकट्य उत्सव मनाया गया। संत ने कहा कि मंदिर बनाना तो बेहद आसान है मगर उसमें व्यवस्था करना मुश्किल है। गली-मोहल्लों में नए मंदिर बनाने की बजाय पहले पुराने मंदिरों में पूजा की समुचित व्यवस्था करें। मंदिर बनाकर सेवा-पूजा नहीं करने से मनुष्य पाप का भागीदार बनता है।
कथा में राजगढ़ भैरवधाम के मुख्य उपासक चंपालाल महाराज भी पधारे। उन्होंने कहा कि कलयुग के बढ़ते प्रभाव में धर्म के प्रति आस्था रखना बेहद जरूरी है। सनातन धर्म से जुड़ा हर मनुष्य धार्मिक आयोजनों में भागीदार बने। महाराज ने घटते लिंगानुपात पर चिंता जताते हुए बेटी बचाने की बात कही। साथ ही गौ रक्षा करने व व्यसन मुक्त रहने का संदेश भी दिया। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया। शुक्रवार को कथा में भगवान शिव-पार्वती का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। कथा में संत गोपालराम रामस्नेही, मुकेश अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, संजय अग्रवाल, पुरूषोत्तम अग्रवाल, राकेश यादव, अनिल सर्राफ, प्रकाश कांठेड़, अनिल जैन, श्याम गर्ग, नृसिंह तंवर, माणक डाणी, गोविंद बिहाणी, सतीश सिकरवार, विजय शर्मा, आत्माराम, निरंजन सहित सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ लिया।
Sumit Saraswat
