अजमेर। राजस्थान माध्यमिक षिक्षा बोर्ड के सचिव महेन्द्र प्रकाष शर्मा ने कहा है कि राजस्थान बोर्ड, परीक्षाओं की पवित्रता बनाये रखने एवं उनके निष्पक्ष आयोजन के लिये कटिबद्ध है। उन्होनें षिक्षा अधिकारियों से कहा कि बोर्ड की परीक्षाएॅं किसी भी विद्यार्थी के लिये पहली सार्वजनिक परीक्षा है, इसलिये षिक्षकों का दायित्व है कि इन परीक्षाओं का आयोजन पूर्णतः पारदर्षी और निष्पक्ष हो। बोर्ड परीक्षा से मिले प्रमाण पत्र पर स्कूली विद्यार्थी के भावी जीवन की दिषा तय होती है।
बोर्ड सचिव श्री शर्मा शुक्रवार को बोर्ड के राजीव गॉंधी भवन में परीक्षा वर्ष 2015 के सफल आयोजन के संबंध में सन्दर्भ व्यक्तियों की प्रषिक्षण कार्य गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। ये संदर्भ व्यक्ति अपने-अपने जिलों में बोर्ड परीक्षा केन्द्रों के केन्द्राधीक्षकों और अतिरिक्त केन्द्राधीक्षकों को परीक्षाओं के सुचारू आयोजन के लिये प्रषिक्षित करेंगे।
बोर्ड की मुख्य परीक्षा नियंत्रक श्रीमती प्रिया भार्गव ने कहा कि बोर्ड, प्रष्न-पत्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व दे रहा है। उन्होंने कहा कि सीकर, नागौर, झुंझुनूं, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, जोधपुर और बाड़मेर जिलों में शत् प्रतिषत केन्द्रों पर वीडियोग्राफी कराई जायेगी। राज्य के संवेदनषील व अतिसंवेदनषील परीक्षा केन्द्रों तथा बोर्ड के उत्तर पुस्तिका संग्रहण केन्द्रों पर ऑनलाईन सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जायेंगे, जिनका सीधा नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में होगा। जिन परीक्षा केन्द्रों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जा रहे है उनके रख-रखाव की जिम्मेदारी संबंधित केन्द्राधीक्षक की होगी। सभी निजी विद्यालयों में बनाये गये केन्द्रों पर केन्द्राधीक्षक व अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक राजकीय विद्यालय से नियुक्त किए जायेगे। उन्होंने षिक्षा अधिकारियों को निर्देषित किया कि निजी विद्यालयों में सभी वीक्षकों की नियुक्ति भी राजकीय विद्यालयों से करें जो यथासंभव स्थानीय हो।
बोर्ड के निदेषक गोपनीय जी.के. माथुर ने कहा कि भावी परीक्षाआंे के सफल संचालन का पहला दायित्व संदर्भ व्यक्तियों का है क्योंकि वे ही अपने क्षेत्र के केन्द्राधीक्षकों को परीक्षाओं के सफल संचालन के लिये प्रषिक्षित करेंगे। प्रषिक्षण का महत्व वर्तमान संदर्भो में इसलिये भी बढ़ गया है क्योकि षिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों को हमें अपनी कार्यषैली से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि प्रष्न-पत्रों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी केन्द्र पर गलत प्रष्न-पत्र खुलने से लाखों विद्यार्थियों, अभिभावकों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिये षिक्षक प्रष्न- पत्र खोलने मंे विषेष सावधानी बरतें।
उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा सत्रह जिलों में उŸार पुस्तिका प्रेषण का कार्य पूरा किया जा चुका है और शेष रहे जिलों में यह कार्य आगामी सप्ताह तक पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने प्रष्न-पत्रों की सुरक्षा व्यवस्था, उŸार पुस्तिकाओं की व्यवस्था व उन्हंे परीक्षा उपरान्त सुरक्षित पैंक कर उŸार पुस्तिका संग्रहण केन्द्र पर भेजने की कार्य व्यवस्था का पावर पॉइन्ट प्रजन्टेषन दिया।
बोर्ड के उप निदेषक (परीक्षा) षिव शंकर अग्रवाल ने कहा कि विद्यालयों को इस वर्ष से प्रवेष पत्र बोर्ड की वेबसाईट से ऑनलाईन डाउनलोड करने होगे। उन्हांेने कहा कि जिले के विषेष चिन्हित परीक्षा केन्द्र, संवेदनषील, अतिसंवेदनषील गत वर्षों में हुए सामूहिक नकल वाले केन्द्रों अथवा भौगोलिक दृष्टि से दूर दराज स्थित केन्द्रों पर कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला परीक्षा संचालन समिति द्वारा माइक्रो आब्जर्वर की नियुक्ति की जाएगी। ये षिक्षा विभाग के अतिरिक्त अन्य सेवाओं के अधिकारी भी होंगे। माइक्रोऑंब्जर्वर परीक्षा प्रारम्भ से परीक्षा समाप्ति तक परीक्षा की गतिविधियों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला परीक्षा संचालन समिति तथा सचिव माध्यमिक षिक्षा बोर्ड को गोपनीय रूप से देंगे। उन्होंने कहा कि सभी संदर्भ व्यक्ति अपने जिले के परीक्षा केन्द्रों के परिपेक्ष में यह सुनिष्चित कर ले की जिन केन्द्रों पर प्राचार्य नहीं है तो उन केन्द्रों पर जिला षिक्षा अधिकारी के माध्यम से कार्यवाहक प्राचार्य की व्यवस्था कराये। किसी भी परीक्षा केन्द्र पर यदि अतिरिक्त फर्निचर लगाना है तो उसका पूर्व अनुमोदन बोर्ड से कराये। उन्होंने कहा कि जिन निजी विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है उन्हें कक्षा-9 से 12 तक अध्ययनरत् परीक्षार्थियों की संख्या के बराबर सिंग्ल सिटेड फर्निचर की व्यवस्था उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए बोर्ड द्वारा किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जायेगा।
कार्यगोष्ठी को बोर्ड के उप निदेषक राजेन्द्र गुप्ता, सहायक निदेषक विजेन्द्र चतुर्वेदी और श्रीमति सुमन सिंह ने भी सम्बोधित किया।
-राजेन्द्र गुप्ता, उप निदेषक (जनसम्पर्क)