अजमेर। हंगरी के धर्म गुरू कोवच इमरे ने कहा कि राष्ट्र रक्षा में बलिदान हुये महाराजा द्ाहरसेन के ऐतिहासिक स्मारक प्राचीन इतिहास सिन्धु सभ्यता व संस्कृति की जानकारी देखकर प्रेरणा मिली है एवं इसकी समानता भी है ऐसे विचार सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक पर यह विचार प्रकट किये। श्री कोवच इमरे ने स्मारक का अवलोकन करने के पश्चात् विचार प्रकट करते हुये कहा कि गौ माता की पूजन करने के साथ वैदिक संस्कृति का प्रचार प्रसार उनके यहां भी समान दृष्टि से है। भारतीय सिन्धु सभा के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि स्मारक पर पधारने पर हरीभाउ उपाध्याय नगर विकास समिति के अध्यक्ष अरविन्द पारीक, कमल पंवार, प्रदीप हीरानंदाणी ने स्वागत किया। हिंगलाज माता व जगद्गुरू श्रीचन्द्र भगवान की पूजा अर्चना श्री लक्षमण दौलताणी ने करवाई। शॉल, साफा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वनवासी कल्याणी परिषद् के मेजर एस.एन.माथुर, पूर्णकालिक श्री संजय, ओ.पी.यादव, अप्रवासी भारतीय श्री नारी भागचंदाणी-दुबई, धर्म जागरण के अजमेर संयोजक श्री कर्णसिंह का भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
स्वागत कार्यक्रम में अजमेर सिन्धी सेन्ट्रल महासमिति के महासचिव श्री गिरधर तेजवाणी, रमेश मेंघाणी, सभा के संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी, ईकाई अध्यक्ष नारायण सोनी, पुरषोतम जगवाणी, रमेश वलीरामाणी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
महेन्द्र कुमार तीर्थाणी
प्रदेश महामंत्री
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