निजी शिक्षण संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में भागीदार बने-देवनानी

वासुदेव देवनानी
वासुदेव देवनानी

अजमेर, 24 फरवरी। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेष में शिक्षा के प्रसार के लिए सरकारी शिक्षण संस्थाओं के साथ निजी शिक्षण संस्थाओं की भी अपनी भूमिका है। उन्हांेने कहा कि प्रदेष में शिक्षा प्रसार के लिए शिक्षा क्षेत्र में व्यावसायिकरण से परे हटकर निजी षिक्षण संस्थान प्रदेष में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में भागीदार बनें। उन्होंने निजी शिक्षण संस्थाओं के अंतर्गत फीस निर्धारण की प्रक्रिया के अंतर्गत सुझाए संषोधनों को गंभीरता से सुना तथा कहा कि संषोधन के लिए रखे गए सुझावों की व्यावहारिकता के अंतर्गत कानूनी पक्षों को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक रूप में सरकार हर संभव कदम उठाएगी। सरकार निजी षिक्षण संस्थाओं की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयास करेगी। इस सबंध में अभिभावकों से भी चर्चा की जाएगी।

श्री देवनानी से आज यहां शासन सचिवालय में निजी शिक्षण संस्थाओं कें प्रतिनिधियांे ने मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। शिक्षा मंत्री ने निजी शिक्षण संस्थाओं कें प्रतिनिधियांे से चर्चा में कहा कि शिक्षा का दान महादान है। इसमें सभी सेवाभाव से समाज को अपनी ओर से कुछ देने के उद्देष्य से कार्य करेंगे तभी शिक्षण की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंषा स्पष्ट है,शिक्षा प्रसार में निजी षिक्षण संस्थाओं के महत्व को हम समझते हैं परन्तु शिक्षा में व्यावसायिकता के हम पक्ष में नहीं है। उन्होंने निजी शिक्षण संस्थाओं को व्यावसायिक सोच की बजाय शिक्षा में वृद्धि और बेहतरी के लिए कार्य किए जाने पर जोर दिया। शिक्षा राज्यमंत्री श्री देवनानी से सहमति जताते हुए निजी शिक्षण संस्थाओं ने सरकार को अपनी ओर से हर संभव सहयोग की बात कही।
शिक्षा राज्य मंत्री ने निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा वसूल की जा रही फीस के नियंत्रण के संबंध में विभिन्न विधिक मामलों के बारे में भी बैठक में जानकारी प्राप्त की। इससे पहले बैठक में निजी षिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कहा कि वह फीस एक्ट के विरूद्ध नहीं है बल्कि उसका अव्यावहारिक एवं कानूनी विसंगतियों के निराकरण के लिए एक्ट में संषोधन चाहते हैं। इस संबंध में निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार भी रखे। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव, प्रारंभिक शिक्षा श्री पी.के. गोयल, शासन सचिव, माध्यमिक षिक्षा श्री नरेषपाल गंगवाल सहित अन्य अधिकारी और निजी शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी।
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