5 से कम बीएसटीएसी वाले जिलों में नवीन संस्थान, सीटों में वृद्धि का निर्णय

अजमेर, 8 अप्रैल। राज्य सरकार ने प्रदेष के उन 12 जिलों में जहां पर 5 से कम राजकीय अथवा निजी बीएसटीसी षिक्षक प्रषिक्षण संस्थान संचालित है, वहां बीएसटीसी कोर्स के लिए नवीन निजी संस्थाओं अथवा मौजूदा संस्थानों को सीटों में वृद्धि की स्वीकृति/अनापत्ति दिये जाने का निर्णय लिया है।
षिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बताया कि इस समय प्रदेष में संचालित 284 राजकीय व निजी बीएसटीसी प्रषिक्षण संस्थानों में 14 हजार 820 छात्राध्यापक प्रतिवर्ष अध्ययन करने की क्षमता है। बीएसटीएसी के नवीन संस्थान और सीटों में अभिवृद्धि किए जाने से अब और अधिक षिक्षक प्रषिक्षण की सुविधाएं प्रदेष में हो सकेगी। इससे उन 12 जिलों के अभ्यर्थियों को भी फायदा होगा जिन्हें पहले अपने यहां सीटें कम होने के कारण दूसरे जिलों में जाकर प्रवेष लेना पड़ता था। यह जिले हैं- भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, दौसा, जैसलमेर, पाली, सिरोही, बारां, झालावाड़, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और प्रतापगढ़।
श्री देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेष में संचालित राजकीय षिक्षक प्रषिक्षण संस्थानों में शारीरिक षिक्षण प्रषिक्षण कोर्स हेतु भी मान्यता बढ़ाये जाने की स्वीकृति/अनापत्ति प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि डीपीएड कोर्स के लिए वर्तमान में मात्र एक ही संस्थान जोधुपर में राजकीय शारीरिक षिक्षक महाविद्यालय कार्यरत है। डीपीएड कोर्स के लिए नवीन निजी संस्थाओं को मान्यता प्रदान किए जाने की अनुमति प्रदान करने से शारीरिक षिक्षक प्रषिक्षण की सीटों में भी वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राष्ट्रीय अध्यापक षिक्षा परिषद्, नई दिल्ली को अवगत कराया गया है।