जवाजा के करीब सवा सौ से अधिक गांवों में पेयजल संकट

javaja-भगवान सिंह- जवाजा। गर्मी शुरू होने के बावजूद जलदाय महकमे के पास कारगर योजना नहीं होने से क्षेत्र में इस बार फि र गंभीर पेयजल संकट गहराने के आसार नजर रहे हैं। जवाजा के 199 गांव 54 ढाणियों में बीसलपुर पेयजल परियोजना के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए वर्ष 2012 में 149 करोड़ रुपए की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति को बढ़ाकर 249 करोड़ रुपए कर दिया गया था। प्रशासनिक उदासीनता के चलते वर्ष 2013.14 में परियोजना का टेंडर जारी होने के बाद वर्ष 2014.15 में इस पर अमल शुरू किया गया था। दूसरी ओर परियोजना की कछुआ चाल से इस गर्मी में ग्रामीणों को बीसलपुर का पानी नसीब नहीं हो रहा है। गर्मी में ही जवाजा को बीसलपुर का पानी मिलने का दावा करने वाला जलदाय महकमा भी अब मान रहा है परियोजना को सुचारू नहीं किए जाने तक पेयजल संकट यूं ही बना रहेगा। पेयजल के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफ र मगरा क्षेत्र में अधिकतर गांव और ढाणियां पहाड़ी क्षेत्र में छितराई होने से पेयजल के लिए ग्रामीणों को दूर.दराज के कुएं, बावड़ी नलकूप से पानी लाने के लिए रोजाना कई किलोमीटर का पैदल सफ र तय करना पड़ता है। इसके लिए कई ग्रामीण महिलाएं रोजाना सिर पर मटका और गोद बच्चा साथ लिए अपने परिवार के लिए पेयजल की व्यवस्था करती नजर आती है। इधर, जवाजा पंचायत समिति क्षेत्र में 200 से अधिक गांव और 50 से अधिक ढाणियां हैं। इन गांवों और ढाणियों में जहां ज्यादा पेयजल संकट होता है, वहां टैंकरों से जलापूर्ति करनी पड़ती है। जलदाय विभाग हर साल पेयजल परिवहन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति करता है। करीब सवा सौ से अधिक गांवों में पेयजल संकट गंभीर हो सकता है।

नहीं है कोई कार्य योजना
जलदायविभाग के पास इस बार गर्मी के मौसम के लिए कोई विशेष कार्य योजना नहीं है। पानी की खपत बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट देखा जा सकता है। जलदाय विभाग ने इससे निपटने के लिए कोई रणनीति तैयार नहीं की है। पुराना सिस्टम है और जहां ज्यादा संकट है, वहां सप्ताह में एक दिन पानी का टैंकर भेजने की व्यवस्था हर बार की तरह कर दी जाएगी।

इनका कहना है
‘ग्रामपंचायतों में पेजयल किल्लत वाले गांवों के प्रस्ताव ले कर जल्द ही टैंकरों के माध्यम से पेयजल सप्लाई शुरू कराई जाएगी। अब बीसलपुर परियोजना पूरी होते ही ग्रामीणों को पेयजल किल्लत से निजात मिल जाएगी। इस संबंध में जलदाय विभाग से भी चर्चा करके विशेष कार्ययोजना बनवाएंगे। पंचायत समिति में हैंडपंप मिस्त्रियों की कमी नहीं हैए अब शिकायत मिलते ही हैंडपंप दुरुस्त हो रहे हैं।
-गायत्री रावत प्रधान पंचायत समिति जवाजा

‘प्रशासनिक उदासीनता लापरवाही के कारण बीसलपुर परियोजना में देरी हुई हैए इसी साल में यह परियोजना गांव.गांव ढाणी.ढाणी में पहुंच जाएंगी। आने वाले दिनों में मगरा क्षेत्र में पेयजल किल्लत के साथ ही फ्लोराइड की समस्या भी खत्म हो जाएगी। ज्यादा पेयजल किल्लत वाले गांवों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति कराएंगे और खराब बंद पड़े हैंडपंप और ट्यूबवैल दुरुस्त करवा रहे हैं। क्षेत्र की जनता के लिए पेयजल की कमी नहीं आने देंगे।
-शंकरसिंह रावत विधायक ब्यावर

‘गर्मीके मौसम के साथ पेयजल संकट से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। विभाग के तकनीकी कर्मचारियों ने गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से उबरने के लिए कमर कस ली है। हाल ही विभाग की ओर से नए अस्थाई हैंडपंप मिस्त्रियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही सैकड़ों हैंडपंप भी दुरुस्त करवाए गए हैं। बीसलपुर प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा हो जाएगा।
-मुकेश महावर सहायक अभियंता पीएचईडी ब्यावर

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